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चुनाव जीतने के बाद यहां की खनिज संपदा अडाणी को देना चाहती है BJP- सुप्रियो भट्टाचार्य

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देवघर  

जेएमएम के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज देवघर में कहा कि आज देश के गृह मंत्री फिर से संताल दौरे पऱ थे। कहा कि बीजेपी के शीर्ष नेताओं को अब गांव के लोग भी सुनना पसंद नहीं कर रहे हैं। इसिलए इनको बार-बार झारखंड आना पड़ रहा है। कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने हमारे नेता हेमंत सोरेन से कुछ सवाल किये हैं। अब हेमंत के सामने तो ये सवाल जाने से रहे, उनकी व्यस्तता सभी जानते हैं। ये उनसे सवाल पूछ भी नहीं सकते हैं। इसलिए मैं ही गृह मंत्री के सवालों के जवाब दे रहा हूं। कहा कि ये लोग आदिवासी सम्मान की बात करते हैं। कहा, अमित शाह ने बताया कि उनहोंने सबसे पहले देश में आदिवासी राष्ट्रपति बनाया। कहा कि इससे पहले कभी ये चर्चा नहीं होती थी कि राष्ट्रपति किस धर्म या जाति से हैं। 


जब रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति बने तब से इस तरह की बात शुरू हुई। कोविंद दलित समाज से आते थे। कहा कि इस तरह से इस पद का भी राजनीतिक इस्तेमाल हो रहा है। इसी तरह से उन्होंने कहा कि घुसपैठ रोकना केंद्र का काम था। लेकिन हम नहीं रोक पाये। उन्होंने कहा, लेकिन कथित घुसपैठियों को राशन कार्ड देने का काम हेमंत सरकार ने किया। कहा कि जब केंद्र यानी गृह मंत्री ये मान रहे हैं कि घुसपैठ हुआ  है तो आप क्यों कुर्सी पर बैठे हैं। आपको इस्तीफा दे देना चाहिये, औऱ ये घुसपैठ 2024 से कैसे शुरू हो गया। उससे पहले क्यों नहीं था। कहा कि राशन कार्ड बनाने की पहली शर्त है, वो है आधार कार्ड। ये आधार कार्ड राज्य सरकार नहीं बनाती है। मतलब आप ये मानते हैं कि घुसपैठ भी हो रहा है और आप उसका आधार कार्ड भी बना देते हैं। 

 

सुप्रियो ने कहा फिर ये लोग राज्य सरकार को जिम्मेदार कैसे ठहरा सकते हैं। कहा ये अजीब स्थिति है। इसी तरह अमित शाह ने कहा, यहां पेपर लीक हो जाता है। उत्तर प्रदेश में 7 साल में 17  बार पेपर लीक हुआ है। कहा कि अभी नीट की परीक्षा हुआ। इसमें बड़ी गड़बड़ी सामने आयी। इसका एक्टिंग सेंटर कहां था। गुजरात में था। गुजरात में तो इन्हीं की सरकार है। कहा, दरअसल आपको चिंता है यहां के खनिज संपदा की। कहा चिंता हमारी भी यही है। लेकिन दोनों के मकसद अलग हैं। कहा कि आप यहां की खनिज संपदा को अपने दो दोस्तों अडाणी और अंबानी को देना चाहते हैं। इसी की लड़ाई तो इस चुनाव में है। इसीलिए तो झारखंड अस्मिता का सवाल उठाया जा रहा है। लेकिन जनता मूर्ख नहीं हैं। इनकी चाल को समझती है।  


 

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