रांची:
सूबे में मनरेगा में आर्थिक अनियमितता का मामला अब केंद्र तक पहुंच गया है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मामलों में तीन सप्ताह के भीतर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। केंद्र ने झारखंड की मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी को इस सिलसिले में पत्र लिखा है। जिसमें राज्य के विभिन्न जिलों में आयोजित समवर्ती लेखा परीक्षा में ग्रामीण रोजगार योजना के कार्यान्वयन में अनियमितताओं की शिकायत की गई है। वहीं कंकर्टेन्ट ऑडिट मामले में दोषियों पर कार्रवाई करने के लिए कहा है।
क्या लिखा पत्र में
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने गड़बड़ी करने वाले जीआरएस, बीडीओ और इंजीनियर पर प्राथमिकी दर्ज कराने और उनससे राशि वसूलने को कहा है। साथ ही समवर्ती लेखापरीक्षा के निष्कर्षों पर की गई कार्रवाई की निगरानी के लिए प्रणाली विकसित करने की बात कही है ताकि भविष्य में गड़बड़ी रोकी जा सके। तय समय के भीतर सख्त कार्रवाई करते हुए राज्य सरकार केंद्र को सूचित करने का निर्देश दिया है।
मनरेगा निदेशक को भेजा है पत्र
बता दें कि राज्य में मनरेगा योजना में हुई अनियमितताएं को लेकर मीडिया में कई खबरें प्रकाशित हुई थीं। केन्द्रीय ग्रामीण विकास विभाग ने मनरेगा के निदेशक धर्मवीर झा को पत्र में लिखा है, “आपसे यह सुनिश्चित करने का अनुरोध है कि सभी ग्राम पंचायतों के लिए ऐसे सभी मामलों में जिसमें अनियमितता सामने आई हैं उस पर कार्रवाई की जाए।”.