logo

जेबीवीएनएल के बिजली दरों में बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव का चैंबर ने किया विरोध

bijli14.jpg

रांची : जेबीवीएनएल की ओर से बिजली दरों में बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव का फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स ने विरोध किया है। इस संबंध में चैंबर के अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा है कि जेबीवीएनएल की ओर से छोटे उद्योग और डोमेस्टिक उपभोक्ताओं पर 50% से 300% टैरिफ में बढ़ोतरी की का प्रस्ताव है, जो जन विरोधी निर्णय है और घरेलू उपभोक्ताओं के ऊपर इसकी मार पड़ेगी

उन्होंने कहा कि जेवीवीएनएल अपना लीकेज बंद करें, खर्च कम करें और क्वालिटी बिजली उपभोक्ताओं तक पहुंचाने का प्रयास करें, तब शायद दर बढ़ाने की आवश्यकता नहीं होगी। हम कोयले के भंडार के ऊपर बैठे हुए हैं जिससे बिजली का उत्पादन होता है हमसे कम दर हमारे अन्य राज्यों में है और हमारा दर सबसे ज्यादा होने जा रहा है जो आपत्तिजनक है।

विभाग अपनी बढ़ोतरी की समीक्षा करें और कार्यशैली में सुधार करें। बिजली का बिल समय पर उपभोक्ताओं के पास पहुंचे पुराने फिक्स चार्ज को वापस करें। वहीं, चैंबर महासचिव परेश गट्टानी ने कहा है कि  नये टैरिफ से छोटे उपभोक्ता, कृषि, ग्रामीण क्षेत्र के लोग अधिक परेशान होंगे, जो सरकार के उद्देश्यों के विपरीत है। ऐसा प्रतीत होता है कि जेबीवीएनएल का यह षडयंत्र जनता के साथ ही नहीं वर्तमान सरकार के साथ भी किया जा रहा है, जिसपर सरकार को गंभीरता दिखाने की आवश्यकता है। यदि जेबीवीएनएल सक्षम नहीं है तब क्यों नहीं आप प्राइवेट प्लेयर्स को अवसर देते हैं।

औद्योगिकीकरण की सरकार की सारी कोशिशों में सबसे बडा बाधक बिजली बोर्ड ही है। इसी तरह सह सचिव अमित शर्मा ने कहा है कि वर्तमान दरें मार्च 2024 से लागू की गई फिर तुरंत चार महीने के बाद नई दरों में बढ़ोत्त्री को लेकर दोबारा प्रयास शुरू किये गये हैं। ऐसा 30-35 वर्षों में कभी नहीं हुआ है। सरकार की मंशा निम्न वर्ग और मध्यम वर्ग को राहत देने की है जिसके तहत उपभोक्ताओं को 200 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाती है फिर जेबीवीएनएल द्वारा ऐसा क्यों किया जा रहा है? यह बढ़ोत्तरी किसी स्थिति में स्वीकार नहीं है। चैंबर के कार्यकारिणी सदस्य रोहित पोद्दार ने कहा कि प्रस्तावित विद्युत टैरिफ से राज्य से उद्योगों का पलायन होगा।

राज्य में बिजली की क्वलिटी जीरो है, केवल रेट बढाने की बात होती है। जेबीवीएनएल अपनी नाकामी को छुपाने लिए उसका बोझ भी जनता के उपर डालने की कोषिष करता है, जिससे साफ जाहिर है कि यह जनविरोधी और उद्योग विरोधी प्रोजेक्टेड रेट है। हमारी मांग है कि रेट बढना तो दूर की बात है, वर्तमान का रेट भी घटना चाहिए तभी राज्य की तरक्की हो पायेगी।