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हजारीबाग में सीएम हेमंत सोरेन के संबोधन की 10 बड़ी बातें पढ़िए

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द फॉलोअप डेस्कः
आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का तीसरा चरण 23 नवंबर को शुरू हुआ और समापन 29 दिसंबर को होगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत हजारीबाग के इचाक प्रखंड में लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस दौरान कई बातें कहीं। सीएम ने कहा मैं खुद जिलों में जाकर शिविरों में कार्यक्रम के सफलता की समीक्षा कर रहा हूं। पूरे राज्य में 5 हजार पंचायतों में शिविर का आयोजन किया जा रहा है। मैं अब तक 18 कार्यक्रमों में शामिल हुआ। आप अपने अधिकार कैसे लेंगे इसका जिम्मा आप पर छोड़ दिया है। आपके पंचायतों में आपके घर तक शिविरों का आयोजन किया है। पदाधिकारी पहुंच रहे हैं। सरकार बनने से पहले ही हमने कहा था कि ये दिल्ली से या रांची के बंद कमरों से नहीं बल्कि गांव से चलने वाली सरकार बनेगी। 

मैं जानना चाहता हूं कि शिविरों का आयोजन जारी रहना चाहिए या नहीं। इसका आगाज दरअसल 2021 में हुआ था। 2022 में दूसरा चऱण चला। अभियान के माध्यम से ग्रामीण इलाकों की समस्या को समझते हैं। किसान, महिला, मजदूर, पुरुष, विद्यार्थी, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी से संबंधित समस्याओं का पता चलता है। पहले पदाधिकारियों से जानकारी लेते थे। वातानुकूलित कमरों में बैठकर उल-जुलूल योजनाएं बनती थी। बिना खेत के सिंचाई के लिए नहरें बनती थी। बिजली के खंभे गुजरते थे लेकिन गांवों में बिजली नहीं मिलती थी। गरीबों को अनाज नहीं मिलती थी। झारखंड देश का पिछड़ा राज्य है, इसलिए यहां लोगों को रोजगार प्राथमिक जरूरत है। लोगों को रोजगार मिला नहीं और पलायन करना पड़ा। 

पहले चरण में पूरे राज्य से 35 लाख आवेदन मिले। दूसरे चऱण में 55 लाख से ज्यादा आवेदन मिले। तीसरे अभियान में आवेदनों की संख्या का 29 दिसंबर के पता चलेगा। दो चरणों से पता चला कि झारखंड गठन के 20 साल बाद भी पूर्ववर्ती सरकारों ने काम नहीं किया। काम किया होता तो करोड़ों आवेदन नहीं मिलते। ब्लॉक कार्यालय और जिला कार्यालय शिथिल थे। अब ऐसा नहीं चलेगा। पदाधिकारियों को जिम्मेदारियों का निर्वहन करना होगा। आईएएस से चपरासी तक लाखों कर्मचारी हैं। कर्मियों को तनख्वाह आपकी सेवा के लिए मिलती है। पिछले 20 वर्षों ने विपक्ष के साथियों ने पदाधिकारियों को अपनी सेवा में लगाया। गांव में समस्याएं बदस्तूर जारी है। आज कर्मियों-पदाधिकारियों को आपके द्वार भेजा जा रहा है। आपकी समस्या सुनी जा रही है। पदाधिकारी लैपटॉप और प्रिंटर ले जाकर गांवों में लोगों की समस्या का समाधान कर रहा है। 


2020 में जब हमारी सरकार बनी तो हमें कोरोना की चुनौती का सामना करना पड़ा। करीब 2 साल बर्बाद हो गए। लॉकडाउन लगा। कोरोना का खतरा छंटते ही पदाधिकारी आपके द्वार पहुंचे। शिविरों के माध्यम से आवेदन मिला। हमने आवेदनों के जरिए समस्याओं और प्राथमिकताओं की सूची बनाई। हमारी पहली प्राथमिकता बुजुर्ग थे जिनको पेंशन नहीं मिलता था। हमने सर्वजन पेंशन योजना बनाई जिसके तहत 60 वर्ष से अधिक आय़ु के सभी बुजुर्गों को प्रतिमाह पेंशन दिया जा रहा है। 


सीएम ने कहा कि प्रदेश में ऐसा कोई घर नहीं जो सरकार योजना का लाभ न ले रहा हो। 2000 में जब झारखँड का गठन हुआ तो सरकार का बजट सरप्लस था। खजाना भरा हुआ था लेकिन गुजरते समय के साथ हम घाटे के बजट में चलने को मजबूर हैं। हमें विरासत में खाली खजाना मिला। लोग हाथ में राशन कार्ड लेकर भूख से मर गए। किसानों की मौत हो गई। विपक्ष की सरकारों ने खजाने का पैसा अपनी जेब में डाल लिया। 2019 का विधानसभा चुनाव अलग झारखंड राज्य के आंदोलन के समतुल्य था। आज, बुजुर्ग, दिव्यांग, विधवा सबको सरकार सहारा दे रही है। 
राज्य में इतनी गरीबी है कि माता-पिता बेटियों की कम उम्र में शादी करवाते हैं। 9वीं क्लास के बाद बच्चियां स्कूली पढ़ाई छोड़ देती है। माता-पिता को मेरी गारंटी है कि बेटियां बोझ नहीं बनेगी। हम उनके लिए सावित्रीबाई फूले किशोरी समृद्धि योजना लाए हैं। हम बेटियों को इंजीनियर, डॉक्टर, वकील और पत्रकार बनाएंगे। बेटियां बढे़गी तो आने वाली पीढ़ियां आर्थिक और सामाजिक तौर पर काफी सशक्त बनेगी। 


किसानो के लिए बिरसा हरित ग्राम योजना, पशुधन योजना, दीदी बाड़ी योजना लाए। कम और अनपढ़ युवाओं के लिए मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना लाए। सरकार आर्थिक सहायता देगी। युवाओं का पलायन रूका है। ग्रामीण महिलाएं भी ट्रैक्टर लेकर चला रही है। हम युवाओं को मुर्गीपालन, बकरीपालन, अंडा उत्पादन और मछलीपालन के लिए आर्थिक सहायता दे रहे हैं। पशुधन योजना का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में परिवारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना था। पशुधन योजना के तहत किसानों को बीमाकृत जानवर दिए जा रहे हैं। झारखंड की 80 फीसदी आबादी गांव में रहती है। गांव मजबूत होगा तो राज्य मजबूत होगा। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना हमारी सरकार का प्राथमिक लक्ष्य है। 


विद्यार्थियों को हमारी सरकार की ओर से कुछ किताबें दी जा रही है जिसमें सरकार की योजनाओं की जानकारी दी गई है। यह दरअसल, उन लोगों के लिए जो अनपढ़ हैं। बच्चे अपने माता-पिता या दादा-दादी को योजनाओं की जानकारी दे सकते हैं। झारखंड में 100 यूनिट फ्री बिजली का लाभ लेने वाले लोगों की संख्या हजारीबाग में 1 लाख है। हमने मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना के तहत गांव को प्रखंड और जिला मुख्यालय से जोड़ने के लिए बसें चलाने की योजना बनाई है। आंदोलनकारी, बुजुर्ग, महिला और विद्यार्ती फ्री यात्रा कर सकेंगे। इसके लिए 15 हजार किमी की स्वीकृति दी गई है। गिरिडीह में 850 किमी लंबी सड़क 750 करोड़ रुपये की लागत से बनेगी। पथ निर्माण विभाग भी सड़कों का निर्माण कराएगा। जब तक हम हैं पंचायतों में पदाधिकारी शिविरों में जाकर आपका काम करेंगे। 


हर नागरिक की प्राथमिक जरूरत रोटी, कपड़ा और मकान चाहिए। कोरोना काल में किसी भी व्यक्ति को भूखा मरने नहीं दिया। पूर्नवर्ती सरकार ने 11 लाख लोगों का राशन कार्ड डिलीट कर दिया। उन्हें गरीबों पर तरस नहीं आया। हमारी सरकार ने 20 लाख हरा राशन कार्ड दिया। आवास के लिए हमने गुहार लगाई। उनके आंकडों में भी झारखंड के सभी गरीबों को आवास नहीं मिला। टूटे-फूटे मकान की वजह से लोग बीमार पड़े। विपक्ष ने षड्यंत्र के तहत पहाड़िया जनजाति के लोगों के कालाजार और मलेरिया से मौत को लेकर सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार किया। कालाजार और मलेरिया गरीबों को होने वाली बीमारी है। हमारी सरकार ने गरीबों के लिए आबुआ आवास योजना की शुरुआत किया। हजारीबाग से 1 लाख आवेदन मिले। यह पीएम आवास के जैसा मुर्गी के दबड़े जैसा आवास नहीं देगी बल्कि 3 कमरों का बड़ा घर मिलेगा। हमे लगा था कि 15 हजार करोड़ रुपये में आवास बन जाएंगे लेकिन शिविरों में मिले आवेदन से पता चला कि अनुमानित आंकड़े से ज्यादा आवास देना होगा। 


20 साल में सरकार ने केवल 16 लाख लोगों को पेंशन दिया जबकि केवल 4 साल में हमने 36 लाख पेंशन दिया। विपक्षियों की सरकार ने देश को महंगाई, गरीबी, भूखमरी और नोटबंदी के सिवा क्या दिया। काला कृषि कानून लाई। हजारो किसानों ने जान दी। आंदोलन किया तब जाकर कृषि कानून वापस लिए गए। यदि कानून लागू होता तो किसान नहीं बचता। किसान नहीं बचता तो लोग क्या खाते। नोट या सिक्का। किसानों को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। जंगल उजाड़ने का उपाय किया जा रहा है। खनन कंपनियां इस कदर खनन कार्य कर रही है कि स्थानीय ग्रामीण उजाड़ दिए जाएंगे। हालांकि, हम गरीबों का हक छीनने नहीं देंगे। हमारा 1.36 लाख करोड़ रुपया बकाया पैसा केंद्र से नहीं मिल रहा है। जिस दिन पैसा मिलेगा उसी दिन राज्य से पिछड़ापन का कलंक मिट जाएगा। 1.36 लाख करोड़ रुपया मिलता तो पेंशन की राशि 2500 रुपये देते। किसानों को 10-10 लाख रुपये देकर रोजगार के लिए तैयार करते। हम लोगों को 1200 का सिलेंडर 500 रुपये में देते। सारा विकास संसाधनों पर निर्भर करता है। झारखंड पिछड़ा नहीं है बल्कि इसे पिछड़ा बनाया गया। कुछ वर्षों में झारखंड 25 साल का युवा हो जाएगा। इसे कितना मजबूत होना चाहिए था लेकिन विपक्ष ने इसे मरणासन्न बना दिया। हम राज्य का जड़ मजबूत बना रहे हैं। हम कार्ययोजना को ऐसे ही क्रियान्वित करते रहेंगे कि राज्य अपने अधिकार के लिए लड़ना सीखेगा। 


पूर्ववर्ती सरकार का कैप्टन गड़बड़ था। एक हाथ से नहीं लूट पाए तो डबल इंजन की सरकार बनाकर दोनों हाथों से लूटा। जनता को पता ही नहीं चलता था कि उनके लिए कौन सी योजनाएं संचालित है। अलग-अलग शिविरों में 50 हजार लोगों को नियुक्ति पत्र दिया। 29 दिसंबर को कार्यकाल की चौथी वर्षगांठ में 9 हजार बच्चों को सरकारी नौकरी देंगे। इसमें समय लगा क्योंकि विपक्ष के साथियों ने अड़ंगा लगाया। हमारे लिए गड्ढा खोदने का प्रयास किया। बीजेपी शासित राज्यों में लोग बड़ी संख्या में मरे। झारखंड में बिना अफरा-तफरी के कोरोना को हराया। सरकार कोरोना काल में 24 घंटे ड्यूटी में रहे। मंत्रियों और पदाधिकारियों ने निगरानी रखी। कोरोना के खिलाफ जंग में हमारे 2 मंत्रियों की मौत हो गई। कोरोना में अपनी जिंदगी की परवाह किए बिना मंत्रियों ने लोगों के सेवा की। विपक्ष के साथी घरों में दुबक कर बैठे थे। हम आपकी तकलीफ समझते हैं। पूर्ववर्ती सरकार में ढिबरी युग था। लोगों को पर्याप्त बिजली नहीं मिलती थी। डीवीसी नखरे दिखाता था। सरकार को बदनाम करने का प्रयास करता था। हमने थोड़ा भी बकाया विलंब किया तो बिजली काट दी जाती थी। केंद्रीय संस्थाओं का रवैया अच्छा नहीं है। अगले 2 साल में हम डीवीसी के भरोसे नहीं रहेंगे बल्कि अपने बूते 24 घंटे निर्बाध बिजली देंगे। शिविरों का आयोजन होता रहेगा। चौथे चरण में एक और नई योजना के साथ सरकार आपके बीच आएगी। हमने हजारीबाग में फैक्ट्री लगाकर स्थानीय युवाओं को रोजगार देने की योजना बनाई है।