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मुझसे छिपकर मिलना चाहते हैं विपक्ष के नेता, मंच पर लगता है शर्म; पलामू में बोले सीएम हेमंत

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द फॉलोअप डेस्कः 
सीएम हेमंत सोरेन ने आज पलामू में बीजेपी के नेताओं पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने तो यह तक कह दिया कि विपक्ष के नेता उनसे सार्वजनिक तौर पर नहीं बल्कि छिप-छिपाकर मुलाकात करना चाहते हैं। दरअसल, मुख्यमंत्री ने कहा कि पढ़े-लिखे लोगों के लिए जेपीएसएसी और जेएसएससी के माध्यम से नौकरी निकल रही है। अभी हजारों नियुक्तियां निकलने वाली है। हमारे कम पढ़े-लिखे, ज्यादा पढ़े-लिखे और नहीं पढ़े-लिखे लोगों के लिए भी मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना है। सरकार आपको पूंजी देगी। आप आवेदन दीजिए। आप जो रोजगार करना चाह करें। आवास देने की बात पर केंद्र सरकार ने हाथ खड़े कर दिए लेकिन हम हिम्मत नहीं हारे। हमने निर्णय लिया है कि पीएम आवास से बेहतर आवास बनाकर देंगे। उसके लिए जितना खर्च होगा हम करेंगे। हम सिर्फ भाषण नहीं देते हैं। हम जो कहते हैं वह कर के दिखाते हैं।

 
अब विदेशों में भी पढ़ते हैं आदिवासी पिछड़ों के बच्चे 
विपक्षों को विकास नहीं दिखता है। जब सबको पेंशन मिल रहा है। योजना का लाभ मिल रहा है तो ये किस तरह का चशमा पहने हुए हैं कि इनको विकास नहीं दिखता है। ये लोग टीना का चश्मा पहने हुए हैं। झूठ का पिटारा लेकर ये लोग चलता है। युवावस्था में बच्चों को युवा राज्य के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना है। आने वाले समय में हमें ठगों को बाहर कर देना है। पहले कभी कोई आदिवासी पिछड़ा ये नहीं सोचता था कि वह विदेश जाएगा लेकिन आज जाकर देखिए मारंग गोमके पारदेशीय योजना के तहत बच्चे पढ़ रहे हैं। आने वाली पीढ़ी से निवेदन है कि लोगों का शिक्षित होना जरूरी है। 


आदिवासियों-पिछड़ों की सरकार बनानी है
उत्तराखंड में मजदूर नहीं बचते लेकिन ऊपर वाले ने उनको बचा लिया। मजदूर के लिए हमने कई मजबूत कदम उठाए हैं। हमलोगों ने श्रम कानून बनाया है। हमने कई राज्यों को पत्र लिखा है उनके साथ एग्रीमेंट किया है। ताकि वहां किसी मजदूर के साथ कोई घटना घटे तो सरकार संज्ञान लेकर उनको बचाया जाएगा। दूसरे राज्यों में अधिक पैसा मजदूरी का मिलता है इसलिए आपलोग चले जाते हैं लेकिन आपको पता नहीं है कि आपको कितना खतरा उठाना पड़ता है। पैसा एक ऐसा चीज है जो हर किसी को लुभा देता है। उत्तराखंड में तो मजदूर बच गये लेकिन हर बार आपकी किस्मत इतनी अच्छी नहीं होगी। पिछली बार उत्तराखंड में ही एनटीपीसी वाले हादसे में झारखंड के मजदूर मारे गये। सरकार श्रम विभाग चलाती है इसलिए आप नियोजन जरूर कराए। आने वाला समय इस राज्य के लिए हम आदिवासियों की सरकार बनाएंगे। हम चाटुकारों को नहीं चुनेंगे। ये लोग विचित्र है। इनको मंच पर आने में शर्म लगता है लेकिन बंद कमरे में आने के लिए तैयार रहते हैं। हम बंद कमरा वाला बात नहीं जानते हैं। हम जो अंदर से हैं वही बाहर से भी हैं।