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गरीब हैं इसलिए फंसे हैं, राजनेता का बेटा होता तो अब तक निकल जाता; टनल हादसे पर बोले सीएम हेमंत

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द फॉलोअप डेस्कः 
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में पिछले 17 दिनों से 41 मजदूर टनल में फंसे हैं। इसे लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भाजपा की सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड में विपक्षियों की सरकार है, इसलिए मजदूर अभी तक बाहर नहीं आए हैं। दरअसल सीएम हेमंत आज सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत लोहरदगा गये हैं। वहां वह जनता को संबोधित कर रहे हैं इस दौरान उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में टनल में 41 मजदूर 15 दिन से फंसे हुए हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन का समय बढ़ता ही जा रहा है। दरअसल वह मजदूर हैं इसलिए लापरवाही की जा रही है। बड़ा राजनेता या व्यापारी का का बेटा होता तो इतनी देर नहीं लगती। चूंकि वे मजदूर हैं इसलिए छोड़ दिया। मर भी गए तो फर्क नहीं पड़ता। हर दिन कहा जा रहा है एक घंटा में निकलेगा, दो घंटा में निकलेगा लेकिन अब तक मजदूरों को नहीं निकाला जा सका है। 


इससे पहले भी हो चुका है हादसा
सीएम हेमंत ने आगे कहा कि इससे पहले भी एनटीपीसी के प्रोजेक्ट में हादसा हुआ। झारखंड के मजदूर मारे गए लेकिन मंदिर का दर्शन कराने के लिए पूरा पहाड़ चूहे की तरह कुतर दिया। वैज्ञानिकों की चेतावनी को नजरअंदाज किया गया। दुनिया भर में चर्चा का विषय हो गया। मजदूरों को निकाला नहीं जा सका है। देश भर के इंजीनियर वैज्ञानिक थक गए। विदेश की मदद लेते हैं। खुद को विश्वगुरू कहते हैं। धिक्कार है ऐसे लोगों पर। पूरे देश को इन्होंने बदहाल कर दिया है। इसके साथ ही सीएम कोरोना के मामले में भी सरकार को घेरा। उन्होंने याद करवाया कि किस तरह कोरोनाकाल में लोगों की मौत हो रही थी। लोगों को दफन करने के लिए धरती नहीं बची थी। लोग मुर्गियों की तरह मर रहे थे। लेकिन इस दौरान भी सरकार ने अफरा-तफरी नहीं होने दिया। किसी मजदूर को मरने नहीं दिया। हम पहले राज्य बने जिसने एयरलिफ्ट करके अपने राज्य के मजदूरों को वापस बुलाया। आज उत्तराखंड में डबल इंजन की सरकार है इसके बावजूद मजदूरों को सुरंग में छोड़ दिया गया है, उनके मामले में लापरवाही बरती जा रही है।