logo

बड़ी खबर : हेमंत सोरेन सरकार ने जीता विश्वास मत, 48 विधायकों का मिला समर्थन

A95.jpg

रांची: 

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार झारखंड विधानसभा के 1 दिवसीय विशेष सत्र में विश्वास मत लेकर आई। सदन में 71 विधायक मौजूद थे जिनमें से 48 विधायकों ने सरकार के प्रति समर्थन जताया। यूपीए घटक दल से कैश कांड में फंसे कांग्रेस के 3 विधायक फिलहाल कोलकाता में है, इसलिए वे वोटिंग में शामिल नहीं हो पाए। विश्वास मत पर वोटिंग के बाद स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। गौरतलब है कि विश्वास मत पर वोटिंग के दौरान बीजेपी के सभी विधायक सदन से वॉकआउट कर दिया है। अब इंतजार इस बात का होगा राज्यपाल क्या फैसला सुनाते हैं। 

झारखंड में विधानसभा की 81 सीटें हैं
गौरतलब है कि झारखंड में विधानसभा की कुल 81 सीटें हैं। यूपीए गठबंधन के पास राज्य में 49 विधायकों का समर्थन है। इनमें झारखंड मुक्ति मोर्चा के 30, कांग्रेस के 18 और आरजेडी के 1 विधायक हैं। माले विधायक विनोद सिंह ने भी सरकार को समर्थन दे रखा है। चूंकि, कैश कांड मामले में कांग्रेस के 3 विधायक फिलहाल कोलकाता में हैं इसलिए वे वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले सके। भारतीय जनता पार्टी के 25 विधायक हैं जो वोटिंग के वक्त सदन से वॉकआउट कर गए थे। बता दें कि मुख्य रूप से सदन में विश्वास मत सिद्ध करने के उद्देश्य से ही सरकार ने 1 दिन का विशेष सत्र बुलाया था। इसमें स्थानीय नीति और ओबीसी आरक्षण पर चर्चा होने की खबरें थीं लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। 

झारखंड में जारी है राजनीतिक गहमा-गहमी
दरअसल, झारखंड में 20 अगस्त के बाद से ही राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े खनन पट्टा लीज मामले को लेकर चुनाव आयोग के सीलबंद लिफाफे और विधायकी जाने की चर्चा के बीच सियासी गहमा-गहमी है। राज्यपाल की तरफ से फिलहाल इतना ही कहा गया है कि उनके पास चुनाव आयोग की चिट्ठी है। वे कुछ बिंदुओं पर कानूनी राय ले रहे हैं। जल्दी ही अपना मंतव्य स्पष्ट करेंगे। दूसरी ओर बीजेपी ने विश्वास मत को पॉलिटिकल ड्रामा करार दिया।