द फॉलोअप डेस्क
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन ने झामुमो से अपनी सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही सीता ने दिल्ली में बीजेपी ज्वॉइन कर लिया। सीता के इस्तीफे के बाद झामुमो में खलबली मच गई है। राज्य के मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन सुबह करीब 10 बजे पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व सीएम हेमंत सोरेन से मिलने होटवार जेल पहुंचे। इस दौरान दोनों के बीच करीब 40 मिनट बात हुई। क्या बात हुई,यह खबर लिखने तक साफ नहीं हो पाया था। लेकिन माना जा रहा है कि सीता सोरेन के जाने से पार्टी को हुए नुकसान की भरपाई को लेकर जेएमएम को दो बड़े नेताओं ने चर्चा की होगी।
मेरा परिवार लगातार उपेक्षा
बता दें कि लंबे समय से सोरेन परिवार में आतंरिक कलह की खबरें आती रही लेकिन आधिकारिक तौर पर इस मामले में खुलकर किसी ने कुछ नहीं कहा लेकिन सीता सोरेन ने अपने इस्तीफे में इस संबंध में खुलकर लिखा है। उन्होंने लिखा है कि मेरे स्वर्गीय पति, दुर्गा सोरेन, जो कि झारखंड आंदोलन के अग्रणी योद्धा और महान क्रांतिकारी थे, के निधन के बाद से ही मैं और मेरा परिवार लगातार उपेक्षा का शिकार रहें है। पार्टी और परिवार के सदस्यों द्वारा हमे अलग-थलग किया गया है, जो कि मेरे लिए अत्यन्त पीड़ा दायक रहा है। गौरतलब है कि सीता सोरेन ने आज दिशोम गुरु शिबू सोरेन को अपना इस्तीफा मेल के जरीए भेजा। इसके बाद उन्होंने अपने विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया।
कल्पना को मुख्यमंत्री बनाने पर भी उठाया था सवाल
गौरतलब है कि हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के पहले से ही सीता सोरेन पार्टी से नाराज चल रही थी। मुख्यमंत्री पद को लेकर जब कल्पना मुर्मू सोरेन का नाम चल रहा था। उस वक्त सीता सोरेन ने साफ तौर पर कहा था कि कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं करूंगी। मैं गुरुजी की बड़ी बहू हूं। मेरे पति दुर्गा सोरेन ने गुरुजी (शिबू सोरेन) के साथ मिलकर झारखंड मुक्ति मोर्चा को अपने खून-पसीने से सींचा है। अब जबकि हक और अधिकार की बात आई तो कल्पना सोरेन का नाम आगे किया जा रहा है। हालांकि उस दौरान कल्पना सोरेन की जगह चंपाई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया गया और बात दब गई।
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