द फॉलोअप डेस्क, रांची:
झारखंड में बालू की किल्लत को लेकर मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन बुधवार को एक्श मोड में दिखे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि राज्य में चिन्हित 369 बालू घाटों को संभालने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों को दें। उन्होंने कहा कि बालू घाटों की टेंडर प्रक्रिया में तेजी लाई जाये। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आम लोगों को आसानी से बालू मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के जिन चिन्हित 369 बालों खाटों को संचालन ग्राम पंचायत करेगी वही ग्रामीण इलाकों और शहरों में बालू की मांग पूरा करेगी। उन्होंने अवैध खनन पर भी रोक लगाने का निर्देश दिया।
झारखंड में बालू की किल्लत से परेशानी
गौरतलब है कि झारखंड में लंबे समय से बालू घाटों की नीलामी नहीं हो सकी है। टेंडर प्रक्रिया बार-बार अटक जाती है। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कार्यकाल में भी यह मुद्दा कई बार सामने आया। विधानसभा में बकायदा विधायकों ने सरकार से सवाल पूछे। सत्तापक्ष के विधायकों ने भी यह सवाल उठाया कि बालू नहीं मिल पाने की वजह से गरीबों को पीएम आवास योजना के तहत मकान बनाने में दिक्कत होती है। शहरी क्षेत्रों में लोग बालू की किल्लत की वजह से मकान नहीं बनवा पा रहे। शहरों में फ्लाईओवर सहित अन्य बुनिदायी ढांचे का निर्माण कार्य चल रहा है, और इसमें बालू की किल्लत की वजह से देरी हो रही है।
अवैध बालू कारोबार को संरक्षण का आरोप
विपक्ष सरकार पर अवैध बालू की तस्करी को संरक्षण देने का आरोप भी लगाता है। थानों में बालू के अवैध कारोबार को संरक्षण देने का आरोप लगता है। इस बीच सरकार हमेशा कहती रही कि जल्द ही बालू घाटों की नीलामी की जायेगी। अब, चंपाई सोरेन ने यह निर्देश दिया है कि बालू घाटों की टेंडर प्रक्रिया जल्द शुरू की जाये। बालू घाटों के संचालन का जिम्मा ग्राम पंचायतों को सौंपा जाये।