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CM हेमंत ने की नई भूमि नीति बनाने की घोषणा, समिति तय करेगी जमीन आपकी है या सरकार की 

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रांची 
झारखंड में अब समिति तय करेगी कि गैर मजरूआ जमीन किसकी है? आपकी या सरकार की। इस समिति का गठन राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग करेगा। सीएम हेमंत सोरेन ने इस बाबत विभाग को आदेश जारी किया है। इस समिति का गठन लैंड रिफॉर्म एक्ट-1950 के तहत किया जायेगा। बता दें कि झारखंड सरकार गैर मजरूआ भूमि को परिभाषित करने की दिशा में काम कर रही है। गौरतलब है कि गैरमजरूआ आम, गैरमजरूआ खास भूमि के संबंध में राज्य के सीएनटी और एसपीटी एक्ट में भी साफ तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। इस हालत में अब सरकार को ये तय करना है कि गैर मजरूआ जमीन पर किसका अधिकार है। अगर सरकार का भूमि पर अधिकार या नियंत्रण है तो उसकी प्रकृति क्या है। इसी बाबत सीएम हेमंत ने भूमि सुधार विभाग को एक समिति बनाने का आदेश दिया है। समिति 2 महीने में अपने विचार विभाग को सौंपेगी। 

क्या हो रही है परेशानी 
बता दें कि अलग-अलग जिलों में भूमि के रिकार्ड और उनके अधिकारों से संबंधित रिपोर्ट का प्रकाशन हुए लंबा समय बीत चुका है। मिली जानकारी के अनुसार गैरमजरूआ आम और गैरमजरूआ खास जमीन के बारे में सरकार को अक्सर विवाद की शिकायत मिलती रहती है। ये शिकायतें राज्य सरकार के पास क्षेत्रीय कार्यालय और संबंधित विभागों के जरिये पहुंचती हैं। भूमि विवाद से संबंधित अलग-अलग अदालतों में हजारों मुकदमे लंबित हैं। इनमें से कुछ सरकार के खिलाफ भी दर्ज हैं।  

विधानसभा में भी उठते रहे हैं सवाल 
इस दिशा में स्पष्ट नीति की जरूरत को देखते हुए सबंधित पहलुओं का अध्ययन कर प्रतिवेदन तैयार किया जायेगा। इसके लिए 5 सदस्यीय समिति बनायी जानी है। ये बताना भी आवश्यक है कि गैरमजरूआ भूमि के निजी उपयोग को लेकर समय-समय पर झारखंड विधानसभा में सवाल उठते रहे हैं। जानकारों के अनुसार गैरमजरूआ जमीन को लेकर सबसे बड़ा विवाद किसी निजी व्यक्ति और राज्य सरकार के बीच का ही है। ये विवाद लगान देने के समय, दाखिल खारिज के समय और कभी-कभी जमीन के औद्योगिक इस्तेमाल को लेकर पैदा होते हैं। सरकार इन विवादों को पारदर्शिता के साथ निबटाने के लिए सरकार नई भूमि नीति बनाना चाहती है।  


 

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