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त्योहारों में हिंसा बर्दाश्त नहीं, सूचना तंत्र मजबूत रखें अधिकारी; सीएम का सख्त निर्देश

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रांची:

आने वाले दिनों में नवरात्रि, दीवाली और छठ महापर्व जैसे त्योहार हैं। त्योहारी सीजन में झारखंड में विधि-व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने समीक्षा बैठक की। बैठक में राज्य के डीजीपी और मुख्य सचिव सहित सभी जिलों के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी त्योहार शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हों, यह सुनिश्चित करें। 

बुनियादी सुविधाओं की सीएम ने ली जानकारी
बैठक में मुख्यमंत्री ने सुरक्षा, स्वच्छता, बिजली-पानी, यातायात, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की व्यवस्था की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि त्योहार में कहीं भी हिंसा की घटनाएं नहीं होनी चाहिए। इससे ना केवल जानमाल का नुकसान होता है बल्कि राज्य की छवि भी धूमिल होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंसा की घटनाओं पर लगाम रखने के लिए उपायुक्त और एसपी सूचना तंत्र मजबूत रखें और त्वरित एक्शन लें। मुख्यमंत्री ने संवेदनशील और भीड़भाड़ वाले इलाकों में अतिरिक्त सावधानी बरतने का निर्देश भी दिया। महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने को कहा। 

हाईमास्ट और स्ट्रीट लाइट कभी बंद नहीं होनी चाहिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाईमास्ट और स्ट्रीट लाइट त्योहारी सीजन में कभी भी बंद नहीं होनी चाहिए। 2 दिनों में उनकी मरम्मत करा लें। मुख्यमंत्री ने ऐन मौके पर असुविधा से बचने के लिए जनरेटर की व्यवस्था करने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पूजा पंडालों और विसर्जन जुलूस मार्क में लगे सीसीटीवी कैमरे फंक्शनल हों, इसका खास ध्यान रखें। 24 घंटे जवानों की तैनाती हो। 

विसर्जन जुलूस के मार्ग से ईंट-पत्थर हटाए जाएं!
मुख्यमंत्री ने कहा कि विसर्जन जुलूस मार्ग में ईंट-पत्थर जमा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रशासन सभी पूजा समितियों को इको-फ्रेंडली पूजा आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि पूजा के दौरान जो भी पूजा समिति सरकारी गाइडलाइन का पालन करेगी, उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। 

पूजा समितियों को इको फ्रेंडली आयोजन को कहें
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे विभिन्न पूजा समितियां को इको फ्रेंडली पूजा आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित करें। इसके लिए आप पूजा समितियों के साथ भावनात्मक रूप से जुड़े और उन्हें पूजा के दौरान प्रदूषण नहीं हो, इसके लिए जागरूक करें। आप यह भी योजना  बनाएं कि प्रदूषण नियंत्रण को लेकर जो पूजा समिति  सरकार के गाइडलाइन का पालन करेंगे उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। इससे पूजा समितियां के बीच अच्छा मैसेज जाएगा और आने वाले वर्षों में इसके अच्छे परिणाम भी देखने को मिलेंगे।