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विपक्ष ने झारखंड को 25 साल पीछे धकेल दिया, खनिजों की हुई लूट; सिमडेगा में बोले सीएम हेमंत

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द फॉलोअप डेस्क:

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सिमडेगा के कोलेबिरा में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में विपक्ष पर जमकर हमला बोला। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड अलग राज्य के लिए हमारे पूर्वजों ने 40 साल तक संघर्ष किया। दुर्भाग्य से जब झारखंड बना तो शासन-प्रशासन विपक्षियों के हाथ में चला गया। जिन लोगों ने झारखंड राज्य के गठन का विरोध किया था, दुर्भाग्य से सत्ता उनके हाथों में चली गई। जिनको झारखंड को आगे बढ़ाना था, उन्हीं लोगों ने यहां लूट मचा दी। खनिज संपदा का दोहन किया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान महंगाई और बेरोजगारी के लिए केंद्र सरकार को भी आड़े हाथों लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष की पूर्ववर्ती सरकारों ने झारखंड को 25 साल पीछे धकेल दिया। 

झारखंड गठन के समय सरप्लस बजट था
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड गठन के बाद जब पहली सरकार बनी तो उनके पास सरप्लस बजट था। राज्य के पास पैसा भी था और खनिज संसाधन भी। तात्कालीन सरकार के पास वह तमाम साधन थे जिनसे झारखंड को समृद्धि और विकास के पथ पर आगे ले जाया जा सकता था लेकिन उन्होंने राज्य को खोखला कर दिया। विपक्ष को व्यापारियों की जमात बताते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी गिद्ध दृष्टि झारखंड के खनिज संसाधनों पर थी। नतीजा ये हुआ कि आज सरकार को घाटे का बजट पेश करना पड़ता है। भ्रष्टाचार के आरोपों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्षी नेताओं को यह नहीं दिखता है कि गरीबों के आंसू पोंछने के लिए हमने क्या किया है। 

बाहरियों की गिद्ध दृष्टि झारखंड के खनिजों पर
सीएम हेमंत ने कहा कि बाहरी लोग झारखंड से कोयला, लोहा, बॉक्साइट और पत्थर निकाल रहे हैं। जिस इलाके से खनिज निकाला जा रहा है, वहां के ग्रामीणों को क्या मिला? मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड से आदिवासी-मूलवासी का पलायन हो रहा है। 2 दशक तक ऐसा ही होता रहा लेकिन 2019 के चुनाव में हमने कमर कसकर चुनाव लड़ा। जनता के आशीर्वाद से हमने सरकार बनाई। हम वक्त है कि हम पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा फैलाई गई गंदगी को साफ करें। हम पदाधिकारी गांव जाएंगे। 

भ्रष्टाचार के आरोपों पर सीएम हेमंत ने दिया जवाब
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष आरोप लगाता है कि हमने इन 4 वर्षों में काम नहीं किया। लोगों को बेवकूफ बनाया लेकिन, मैं आपसे पूछता हूं कि गरीबों के लिए महज 10 रुपये में धोती, साड़ी लूंगी योजना कौन लेकर आया। बिरसा हरित ग्राम योजना, मुख्यमंत्री पशुधन योजना, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, सावित्रीबाई फूले किशोरी समृद्धि योजना, अबुआ आवास योजना और आबुआ बीर आबुआ दिशोम योजना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने सामाजिक न्याय पर आधारित विकास के लक्ष्य पर काम किया है। उसका नतीजा भी दिख रहा है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासियों को दोबारा जल, जंगल और जमीन बचाने के संघर्ष के लिए तैयार रहना होगा क्योंकि केंद्र सरकार ने वनाधिकार कानून में बड़ा बदलाव किया है। वे आपका जंगल और जमीन छीन लेंगे। 

मुख्यमंत्री ने महंगाई के लिए केंद्र पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री ने महंगाई को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला। सीएम ने कहा कि कभी 400 रुपये का मिलने वाला सिलेंडर अब 1200 रुपये का मिलता है। पेट्रोल-डीजल की कीमतें अक्सर 100 पार पहुंच जाती है। आलू-प्याज खरीदने के लिए लोगों को लाइन में लगना पड़ता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष की पूर्ववर्ती सरकार ने तो सरकारी कर्मियों का पेंशन का हक भी छीन लिया था। हमारी सरकार ने पुरानी पेंशन योजना बहाल की। पदाधिकारी, योजनाएं आप तक पहुंचाने में मदद करते हैं।