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ED के समन पर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे CM हेमंत, पीड़क कार्रवाई पर रोक की मांग; जताया गिरफ्तारी का डर

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द फॉलोअप डेस्कः  
ईडी के समन के खिलाफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि ईडी को उनके खिलाफ किसी तरह की पीड़क कार्रवाई ना करने का आदेश दें। मुख्यमंत्री ने कहा है ईडी को पूछताछ के दौरान ही किसी को गिरफ्तार करने का अधिकार है। ईडी पूछताछ के लिए बुलाती है तो गिरफ्तारी का डर बना रहता है। ईडी की गतिविधि को राजनीतिक कारणों से चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की साजिश बताते हुए हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट से यह अनुरोध किया है। मालूम हो कि मुख्यमंत्री को ईडी ने तीसरा समन कर 9 सितंबर को हाजिर होने को कहा है। 


पीएमएलए 2002 की धारा 50 और 63 की वैधता को चुनौती 
मुख्यमंत्री द्वारा दायर रिट पिटीशन में पीएमएलए 2002 की धारा 50 और 63 की वैधता को चुनौती दी गयी है। याचिका में कहा गया है कि पीएमएलए का यह प्रावधान संविधान द्वारा दिये गये मौलिक अधिकारों के खिलाफ है। आईपीसी के तहत किसी मामले की जांच के दौरान जांच एजेंसी के समक्ष दिये बयान की मान्यता कोर्ट में नहीं है, लेकिन पीएमएलए की धारा 50 के तहत जांच के दौरान एजेंसी के समक्ष दिये गये बयान की कोर्ट में मान्यता है। पीएमएलए की धारा 19 के तहत जांच एजेंसी को धारा 50 के तहत बयान दर्ज करने के दौरान ही किसी को गिरफ्तार करने के अधिकार है। 


पहले भी ब्योरा दिया गया है 
सीएम ने पिटीशन में कहा है कि ईडी ने उन्हें पहले अवैध खनन के सिलसिले में समन जारी किया था। इस समन के आलोक में वह ईडी के समक्ष हाजिर हुए। अपना बयान दर्ज कराया। संपत्तियों का ब्योरा दिया। उनकी और उनके परिवार की सारी संपत्ति आयकर में घोषित है। जिन संपत्तियों का ब्योरा मांगा जा रहा है, वह सीबीआई को भी दिया जा चुका है। इसके बावजूद ईडी ने उन्हें फिर समन भेजा है। समन जारी होने पर लोग डरे रहते हैं। राजनीतिक मतभेद, विद्वेष की वजह से यह कार्रवाई हो रही है