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'केंद्र से गठबंधन नहीं करने की सजा है ED का समन', सीएम हेमंत के पत्र में और क्या लिखा है?

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द फॉलोअप डेस्क, रांची:

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि उनको केंद्र सरकार के साथ गठबंधन नहीं करने की सजा दी जा रही है। दरअसल, जमीन घोटाला केस में छठे समन के बाद मुख्यमंत्री ने ईडी को जो पत्र लिखा है उसमें गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने ईडी पर उनको टार्गेट करने का आरोप लगाते हुए कहा कि बार-बार समन भेजकर उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने इसे राज्य की मौजूदा सरकार को अस्थिर करने की साजिश बताया। गौरतलब है कि रांची जमीन घोटाला केस में ईडी मुख्यमंत्री को अब तक 6 समन जारी कर चुकी है लेकिन मुख्यमंत्री एक में भी हाजिर नहीं हुई। 

सीएम हेमंत को 12 दिसंबर को बुलाया गया था
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने समन भेजकर 12 दिसंबर को पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन मुख्यमंत्री का कापिला ईडी दफ्तर से गुजरता हुआ एयरपोर्ट चला गया। मुख्यमंत्री ने ईडी कार्यालय न जाकर दुमका में आयोजित सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में शरीक होने गए। शाम को सीएमओ से एक व्यक्ति पत्र लेकर ईडी कार्यालय पहुंची। 2 पन्ने की वह कॉपी अब सामने आई है। मुख्यमंत्री ने ईडी को लिखा है कि उन्होंने एजेंसी को अपने और अपने पूरे परिवार की चल-अचल संपत्ति की पूरी जानकारी पिछले साल ही दे दी थी बावजूद इसके बार-बार बुलाया जा रहा है। उन्हंने ईडी से स्पष्ट करने को कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय उनको सहयोगी के रूप में बुला रही है या केस में आरोपी मानती है। सीएम हेमंत ने कहा कि मैंने आयकर विभाग को संपत्ति की जानकरी दी। वह स्वीकार किया जा चुका है। 

सीएम हेमंत ने लिखा है कि 1 साल की जांच के बाद एक भी साक्ष्य ऐसा नहीं मिला जिससे पता चले कि मैंने ऐसी संपत्ति अर्जित की है जिसे मनी लॉन्ड्रिंग का मामला कहा जाए। उनको केवल टार्गेट किया जा रहा है। 

अगस्त 2023 में ही मुख्यमंत्री को भेजा गया समन
बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमीन घोटाला केस में अगस्त 2023 में ही ईडी ने समन किया था। तभी मुख्यमंत्री ने चेतावनी भरे लहजे में कहा था कि वह कानूनी रास्ता अख्तियार करने का विकल्प चुनेंगे। मुख्यमंत्री ने समन के खिलाफ पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें निचली अदालत में जाने को कहा। मुख्यमंत्री हाईकोर्ट गए। हाईकोर्ट में याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले में टिप्पणी की कि, पूछताछ करना ईडी का विशेषाधिकार है। कोर्ट उसमें हस्तक्षेप नहीं करेगा।