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Budget Session 2022 : 1932 के खतियान पर मेरे बयान को तोड़-मड़ोकर पेश किया गया: मुख्यमंत्री

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रांची: 

झारखंड विधानसभा का बजट सत्र मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के संबोधन के साथ खत्म हो गया। आखिरी दिन मुख्यमंत्री ने अपने संबोधऩ में 1932 पर दिए गये अपने विवादास्पद बयान पर सफाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग 1932 खतियान की मांग को लेकर सड़कों पर हैं, वो कहां से आते हैं। कौन हैं। इसका परिचय देने की आवश्यक्ता नहीं है।

लोग गंजी में, पेंट में सिर और पैर में 1932 का खतियान लिख रहे हैं। लोग हमें मूर्खमंत्री कहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1932 के खतियान को लेकर जो माहौल राज्य में बनाया गया है वो दुर्भाग्यपूर्ण है। ये राज्य को आग में झोंकने की साजिश है। 

मैंने राज्य की भावना को करीब से देखा है! 
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हमने राज्य की भावनाओं को करीब से देखा है। केवल देखा ही नहीं बल्कि महसूस किया है। हमने आंदोलन को करीब से देखा है। अधिकारों को लेकर जो संघर्ष रहा। 20 साल की राजनीति में कई घटनाओं से प्रेरणा मिली। सोच को मजबूती से आगे बढ़ाया। यही वजह है कि जनमानस ने हम पर भरोसा किया। सीएम ने कहा कि मैं वादा करता हूं कि जनमानस का सिर शर्म से कभी भी नहीं झुकेगा। हम जनमानस को आग में नहीं झोंकना नहीं चाहते। 

हमें इसलिए लाना पड़ा था मॉब लिंचिंग बिल! 
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि इस राज्य में ऐसे समाज के लोग वास करते हैं जो राजनीतिक, सामाजिक औऱ आर्थिक रूप से कमजोर हैं। न्यायपालिका या कार्यपालिका में प्रतिनिधित्व नहीं है। बहुमत नहीं है।

इन्हें बाबा साहब अंबेडकर द्वारा लिखे संविधान का संरक्षण मिला इसलिए सदन में खड़े हैं। हमें मॉब लिंचिंग बिल लाने की आवश्यक्ता क्यों पड़ी। 2014 में केंद्र में जैसी सरकार बनी, दलितों और अल्पसंख्यकों के साथ क्या हुआ। क्या माहौल बना। सबको पता है। सुरक्षा प्रदान करने के लिए मॉब लिंचिंग कानून लाना पड़ा। लोगों ने अलग-अलग तरीके से इसकी व्याख्या की। शोषित औऱ पी़ड़ित के लिए हमने ये बिल लाया गया। 1932 के खतियान का मामला भी है। हम खतियान का सम्मान करते हैं। 

जनभावना के अनुरूप बनेगा नियम और कानून! 
मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां पर जो भी कानून बनेगा, नियम बनेगा, इस राज्य की जनता के भावना के अनुरूप बनेगा। खतियान को लेकर मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि आपको जानकर हैरानी होगी, साल 2005 में भी सर्वे किया गया। इस राज्य में 1911 में भी सर्वे किया गया। 1932 में भी सर्वे किया गया। राज्य में 1964 में भी सर्वे किया गया। 1918 में भी सर्वे किया गया। 1993 में भी सर्वे हुआ। गजट का प्रकाशन भी हुआ। सदन तय करे कि कौन सा लागू होगा। 1932 पकड़ें तो 1911 को छोड़ दें। हमारी बातों को नंगा करके उठाकर फेंका जा रहा है। हम लोग राज्य में अधिकार के लिए लड़ने, मरने खपने के लिए तैयार हैं। हम ये मौका जाने नहीं देंगे। हम किसको छोड़ दें। किस सर्वे के लोगों को छोड़ दिया जाये। 

मुख्यमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी पर साधा निशाना
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि हम राज्य के अंदर समन्वय बनाकर राज्य की भावना के अनुरूप, वैधानिक पहलु को ध्यान में रखते हुए विभिन्न वक्त में हुए सर्वे  की स्टडी को करते हुए, राज्य के लोगों की भावना जानने के बाद व्यापक सहमति बनाकर आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि आग लगाना बहुत आसान है। आग बुझाना बहुत कठिन है। बीजेपी पर निशाना साधते हुए सीएम ने कहा कि उस तरफ बैठे लोगों को आग लगाने में मास्टर्स डिग्री प्राप्त है। दुर्भाग्य से हमारे तथाकथित झारखंडी भाइयों को इन्होंने अपने साथ रखा। उनके कंधे के जरिये लंबी जड़ें जमा रखी हैं। काटने में वक्त लगेगा। 70 फीसदी खत्म हो चुका है। 30 फीसदी बाकी है। धीरे-धीरे सब खत्म हो जायेंगे। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोगों में कोई भी हर क्षेत्र का ज्ञानी नहीं है। हम बौद्धिक नहीं है। भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए सीएम ने कहा कि इनका तो हेडक्वार्टर नागपुर में है। वहीं से सब निर्देशित होता है। इनको ज्ञान देने वाला, निर्देशित करने वाले और षडयंत्र करने वाले वही लोग हैं। भ्रमित करने वाले हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें बहकावे में नहीं आना है। 

मुख्यमंत्री ने मीडिया पर भी निकाली अपनी भड़ास
मुख्यमंत्री ने मीडिया को भी आड़े हाथों लिया। कहा कि मीडिया उन बातों को मुख्य पृष्ठ पर छापता है जिससे आग लग जाये। 1932 लागू नहीं करने के बयान को तोड़ मरोड़कर छापा गया। हमारी बातों को उलझा दिया गया। लोग कहते हैं बिहार को भगाओ, यूपी को भगाओ, छत्तीसगढ़ को भगाओ। संताल को कोल्हान से लड़ा दो। खूंटी को लोहरदगा से लड़ा दो।

4 दिन माइक पकड़कर फुटबॉल मैदान में भाषण देने से कोई नेता नहीं बन जाता। विनोद बिहारी महतो बोलते थे कि पढ़ो लिखो और अधिकार के लिए लड़ो। भूखमरी की स्थिति है। भूखमरी की स्थिति में लोग पढ़ेगा की पेट भरेगा। 

हम लोग केवल लोक लुभावना काम नहीं करते हैं! 
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हमलोग केवल लोक लुभावन काम नहीं करते। मैं 21 साल का इतिहास बता दूंगा। राज्य गठन के बाद पहली बार खनन विभाग में 7 हजार करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया। इसे 8 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचा देंगे। राज्य को हमें उस पटरी तक ले जाना होगा ताकि पीढ़ियां इसका लाभ ले सके। सरकार बुनियाद भी मजबूत करेगी और इमारत भी मजबूत बनायेगी। मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि विधायक फंड बढ़ाकर 4 करोड़ किया गया।