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झारखंड : सीएम सोरेन आज करेंगे धूप और बंजर जमीन पर आधारित नई सोलर नीति की घोषणा, गिरिडीह प्रोजेक्ट का होगा ऑनलाइन शिलान्यास

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डेस्क :
स्वच्छ सोलर ऊर्जा(Solar energy) उत्पादन को प्रोत्साहन के मद्देनज़र झारखंड(jharkhand) सरकार ने नई सोलर नीति बनाई है। यह सोलर नीति राज्य की मौसमीय विशेषता और बंजर जमीन के उपयोग पर आधारित है। राज्य सरकार ने अपनी इस नई नीति को अन्यी सुर उर्जा नीति-2022 नाम दिया है। विशेषज्ञों के मुताबिक राज्य में बंजर भूमि(Barren land) का उपयोग सौर ऊर्जा उत्पादन में बड़े पैमाने पर किया जा सकता है। वहीं सीएम आज गिरिडीह(Giridih) सोलर सिटी प्रोजेक्ट का ऑनलाइन(online) शिलान्यास करेंगे। इस योजना से शहरी क्षेत्र के करीब 39 हजार घरों में रूफटॉप(Rooftop) पर सोलर प्लेट लगेगी। इस प्रोजेक्ट के तहत सभी घरेलू आवश्यकताओं को पूरा किया जाएगा। बता दें नवीकरणीय(Renewable) ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार ने गिरिडीह को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने के लिए कुल प्राक्कलित राशि 80 करोड़ 75 लाख की प्रशासनिक स्वीकृति दी है।


2027 तक 4000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य 
राज्य में 2027 तक 4000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। एक अनुमान के अनुसार राज्य में कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 68.77% बंजर भूमि है। इन जगहों पर सौर प्लेट लगाकर ऊर्जा उत्पादन में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की भागीदारी होगी। नई नीति में सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए निवेशकों के लिए भी कई प्रावधान किए गए हैं। दरअसल राज्य में साल में 300 दिन धूप खिली रहती है। यह सौर ऊर्जा उत्पादन की बेहतर संभावनाओं को दर्शाता है। 


सौर ऊर्जा के प्रोत्साहन के लिए दी जायेगी सब्सिडी, खरीदने में  राज्य सरकार देगी प्राथमिकता  
नई नीति में तीन लाख वार्षिक आय वालों को अपने घर में तीन किलोवाट तक का सोलर प्लांट लगाने के लिए 60 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। इसके अलावा तीन से दस किलोवाट का सोलर प्लांट लगाने पर 80 फीसदी सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। आजीविका परियोजनाओं के लिए तीन किलोवाट तक का सोलर संयंत्र लगाने पर 60 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। इसके साथ बिजली खरीदने में सौर ऊर्जा की हिस्सेदारी 12.5 प्रतिशत करना। सोलर पार्क, सोलर ग्रिड, रूफटाप सोलर सिस्टम और आफ ग्रिड सिस्टम। सोलर प्लांट के लिए पट्टा और जमीन की स्टांप ड्यूटी में 100 प्रतिशत छूट, कंवर्जन शुल्क माफ। ओपेन विंडो सुविधा, एक स्थान से क्लीयरेंस शामिल है। साथ ही भारत सरकार के नियमानुसार राज्य सरकार सौर ऊर्जा से उत्पादित बिजली खरीदने में प्राथमिकता देगी।


वर्त्तमान में महज 45 मेगावाट सौर ऊर्जा का हो रहा उत्पादन, जल्द पार करेगा 100 मेगावाट का आंकड़ा   
इस नई नीति के पूर्व अगस्त 2015 से 2020 तक 2650 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पन्न करने के लक्ष्य के साथ सौर ऊर्जा नीति लागू की गई थी। जेरेडा के परियोजना निदेशक विजय कुमार सिन्हा के मुताबिक अभी राज्य में करीब 45 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है। दो से तीन माह में निजी क्षेत्र की भागीदारी से 100 मेगावाट अतिरिक्त सौर ऊर्जा का उत्पादन शुरू होगा। नई नीति के तहत सौर ऊर्जा से संचालित कोल्ड स्टोरेज, सोलर डिसेलिनेशन, सोलर चरखा आदि को बढ़ावा दिया जाएगा। कुसुम योजना से कृषि उपकरणों के लिए 30 प्रतिशत तक अनुदान मिलेगा।