द फॉलोअप डेस्क
कोचिंग सेंटर ने नहीं स्टूडेंट के प्राब्लम नहीं सॉल्व किये तो मामला कोर्ट में चला गया। कोर्ट के आदेश पर कोचिंग सेंटर को स्टूडेंट की फीस लौटानी पड़ी। मामला दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर से जुड़ा है। यहां जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (केंद्रीय जिला), दिल्ली ने IAS गुरुकुल को एक छात्रा, सत्यता द्वारा भुगतान की गई फीस का एक बड़ा हिस्सा वापस करने का आदेश दिया। इसमें भ्रामक विज्ञापनों और सेवाओं में कमियों का हवाला दिया गया। 30 सितंबर, 2024 को जारी किया गया यह निर्णय शिकायत केस संख्या CC/248/2018 में इंदर जीत सिंह (अध्यक्ष) और रश्मि बंसल (सदस्य) द्वारा दिया गया।
क्या है मामला
सत्यता ने नवंबर 2017 में IAS गुरुकुल के “पूर्ण IAS तैयारी कार्यक्रम” में दाखिला लिया, जो IAS परीक्षा की तैयारी के लिए व्यापक कोचिंग, योग्य संकाय और विभिन्न सहायक सेवाओं का वादा करता है। सत्यता ने बताया कि वो विज्ञापनों से आकर्षित हुई। उन्होंने 11 महीने के सप्ताहांत बैच कार्यक्रम के लिए ₹98,000 की फीस का भुगतान किया। इस आश्वासन के आधार पर कि विज्ञापन में दी गयीं सुविधाएं उसे मिलेंगी।
हालांकि, 4 महीने के क्लास के बाद, सत्यता को कई विसंगतियां मिलीं। अनियमित कक्षा कार्यक्रम, कुछ विषयों के लिए अनुभवी शिक्षकों की कमी और वादा किए गए टेस्ट सीरीज और मार्गदर्शन की अनुपलब्धता। शिकायत करने के बाद भी कोचिंग सेंटर मुद्दों को हल करने में विफल रहा, जिसके कारण उसे अपनी पढ़ाई पर पड़ने वाले प्रभाव के लिए धन वापसी और मुआवजे की मांग करनी पड़ी।
आयोग ने फैसले में क्या कहा
आयोग ने सत्यता के पक्ष में फैसला सुनाया, जिसमें IAS गुरुकुल द्वारा अपने वादों को पूरा करने के सबूत पेश करने में विफलता का हवाला दिया गया। कोचिंग सेंटर ने अपने इस दावे को पुष्ट करने के लिए उपस्थिति रिकॉर्ड प्रस्तुत नहीं किए कि शिकायतकर्ता ने 9 महीने तक कक्षाओं में भाग लिया, न ही यह साबित किया कि विज्ञापित मेंटर या विशेषज्ञ संकाय में से किसी ने छात्रों के साथ सत्र आयोजित किए।