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रांची सीट से वैश्य या अल्पसंख्यक समुदाय से ही हो कांग्रेस का उम्मीदवार- आदित्य विक्रम 

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रांची
कांग्रेस नेता व समाजसेवी आदित्य विक्रम जयसवाल ने कहा कि राज्य के सर्वाधिक महत्वपूर्ण लोकसभा सीट रांची में वैश्य समाज के सर्वाधिक वोटर हैं। कहा, इसके बाद अल्पसंख्यक वर्ग को रखा जा सकता है। जायसवाल ने बताया कि वैश्य समाज में कुर्मी और कुशवाहा जाति की भी गिनती होती है।  जयसवाल ने वोटर लिस्ट विश्लेषण के आधार पर कहा कि रांची संसदीय सीट से मुस्लिम वोटर 3,03109 और महतो वोटर 2,41381 अन्य जातियों से सबसे अधिक हैं। इस विश्लेषण के आधार पर रांची लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी को वैश्य या अल्पसंख्यक समुदाय से ही उम्मीदवार घोषित करनी चाहिए।

ये है वोटरों का समीकरण 

जायसवाल ने कहा कि गत 2019 चुनाव में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार सुबोधकांत सहाय को 4,23730 मत मिले थे, वहीं संजय सेठ को 7,06510 मत प्राप्त कर विजयी हुए थे। उन्होंने कहा कि पूर्व में लोकसभा चुनावों का परिणाम देखा जाए तो कुर्मी/महतो समुदाय से रामटहल चौधरी सबसे ज्यादा 5 बार रांची का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त कांग्रेस के सुबोधकांत सहाय व पीके घोष तीन-तीन बार यहां से सांसद बन चुके हैं। वैश्य समाज से शिवप्रसाद साहू 2 बार और एक-एक बार अब्दुल इब्राहिम, मीनू मसानी व रवींद्र वर्मा रांची का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

हाईकमान से की ये मांग 

जयसवाल ने कहा कि रांची संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं की सबसे बड़ी संख्या कुर्मी व कुशवाहा जाति की है। अगर माना जाए कि रांची में मतदान का आधार जातीय होता तो कुर्मी जाति के ही सांसद अधिकतर बार जीत कर जाते। जयसवाल ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर से रांची संसदीय क्षेत्र के जाति समीकरण के आधार पर वैश्य समाज या अल्पसंख्यक समुदाय से कांग्रेस उम्मीदवार घोषित करने की मांग की है। तभी बीजेपी को सत्ता से बेदखल किया जा सकता है।

 

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