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पेसा नियमावली को लेकर कांग्रेस ने आयोजित की कार्यशाला, राज्य स्तरीय कमेटी के गठन पर बनी सहमति 

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रांची
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के तत्वावधान में पेसा (पंचायत अनुसूचित क्षेत्र विस्तार) कानून पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन गीतांजलि बैंक्विट हॉल, चिरौंदी में किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश प्रभारी के राजू उपस्थित रहे।
कार्यशाला में राज्य सरकार के मंत्रियों, कांग्रेस विधायकों, अधिसूचित जिलों के जिला अध्यक्षों और वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया। पेसा कानून के मसौदे (ड्राफ्ट) पर विस्तार से चर्चा हुई, और इसके विभिन्न अध्यायों पर सुझाव दिए गए। वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि पेसा नियमावली न केवल संविधान की पांचवीं अनुसूची की भावना के अनुरूप हो, बल्कि झारखंड के ग्राम समाज की परंपराओं और अधिकारों की भी रक्षा करे।


प्रभारी के राजू ने कहा कि पेसा कानून को बने 30 वर्ष हो गए हैं, अब झारखंड में इसे प्रभावी रूप देने का वक्त है। उन्होंने कहा कि 20 जून तक सभी संबंधित पक्षों से लिखित सुझाव लिए जाएंगे, जिनके आधार पर नियमावली को अंतिम रूप दिया जाएगा। एक राज्य स्तरीय कमेटी भी गठित की जाएगी जो जन संवाद के जरिए कानून की जागरूकता फैलाएगी।
प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि पेसा कानून झारखंड में स्वशासन की ऐतिहासिक शुरुआत करेगा। यह कानून आदिवासी समाज की परंपराओं, ग्राम सभा की शक्ति और स्थानीय निर्णय प्रक्रिया को सशक्त बनाएगा।
सह प्रभारी सीरीबेला प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस आदिवासियों के पारंपरिक अधिकारों और स्वशासन के लिए प्रतिबद्ध है। विधायक प्रदीप यादव ने पेसा को पंचायती राज का विस्तार बताते हुए इसे ग्राम सभा को मजबूती देने वाला कानून कहा।
विधायक राजेश कच्छप ने पेसा को आदिवासी स्वशासन का संवैधानिक माध्यम बताया। मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि भाजपा इस कानून के खिलाफ दुष्प्रचार कर रही है, जबकि कांग्रेस सरकार इसे जमीनी स्तर पर लागू करने को प्रतिबद्ध है।


वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने पेसा के सामाजिक और कानूनी प्रभावों पर विचार करते हुए कहा कि ग्राम सभा को जिम्मेदार बनाना होगा ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया बनी रहे। कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने भाजपा पर आदिवासियों के अधिकारों को खत्म करने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस ने हमेशा उनका साथ दिया है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि भाजपा की नीतियां आदिवासी विरोधी रही हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नहीं होती तो सीएनटी-एसपीटी जैसे कानूनों को भाजपा बदल देती।
कार्यक्रम में बंधु तिर्की, सुधीर पाल, अंबा प्रसाद, दयामणि बारला, रामचंद्र सिंह, सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने अपने सुझाव रखे। धन्यवाद ज्ञापन मीडिया चेयरमैन सतीश पॉल मुजनी ने किया।

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