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झारखंड में ED की कार्रवाई पर क्या बोले बंधु तिर्की कि सियासत गरमा गई!

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द फॉलोअप डेस्क, रांची:

झारखंड में ईडी की कार्रवाई को लेकर प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की के बयान से सियासी बवाल खड़ा हो गया है। बंधु तिर्की ने सोमवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि ईडी की कार्रवाई को लेकर राज्य के आदिवासी समाज में आक्रोश और गुस्सा है। उन्होंने कहा कि ये लोग (ईडी) आदिवासियों की भावना नहीं समझ पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब आदिवासियों को गुस्सा आएगा तो ये ईडी-बीडी क्या है। उन्होंने कहा कि एजेंसियों को आदिवासियों की भावना समझनी चाहिए वरना जिस दिन ढलगुमड़ा निकला उस दिन दिक्कत होगी। बंधु तिर्की ने कहा कि आदिवासी हर 12 साल में जनी शिकार के लिए निकलता है। बीजेपी पर निशाना साधते हुए बंधु तिर्की ने कहा कि झारखंड में चुनी हुई सरकार को चुनौती दी जा रही है

झामुमो और कांग्रेस ने बयान से झाड़ा पल्ला
बंधु तिर्की के बयान से सत्तारुढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पल्ला झाड़ लिया है। पार्टी महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि लोगों में आक्रोश तो है। बंधु दा (बंधु तिर्की) ने इसे ही ठेठ भाषा में कहा। वह ठेठ संघर्षों से निकले हुए नेता हैं। उन्होंने कहा कि ईडी आखिरकार बीजेपी के नैरेटिव को ही आगे बढ़ाने का काम करती है। कांग्रेस पार्टी ने भी बंधु तिर्की के बयान को व्यक्तिगत राय बताते हुए पल्ला झाड़ लिया है। 

अवैध खनन और जमीन घोटाला केस की जांच
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय झारखंड में अवैध खनन और जमीन घोटाला केस की जांच कर रही है। शराब घोटाला केस में भी कुछ गिरफ्तारियां की है। अवैध खनन केस में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू और साहिबगंज उपायुक्त रामनिवास यादव सहित 4 लोगों को समन किया गया था। इसमें केवल एक व्यक्ति पप्पू यादव ही पूछताछ के लिए पहुंचे। रामनिवास यादव की पेशी से पहले ही हेमंत सरकार ने निर्देश जारी किया जिसके तहत कोई भी पदाधिकारी बिना मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग को सूचना दिए ईडी कार्यालय हाजिर नहीं हो सकता। पिंटू भी पूछताछ के लिए नहीं आए। इसी केस में कारोबारी कृष्णा खुडानिया सहित 30 लोगों को ईडी ने समन किया है।

मुख्यमंत्री को ईडी ने भेजा है आठवां समन
जमीन घोटाला केस में मुख्यमंत्री को 6 समन और 2 चिट्ठी ईडी भेज चुकी है। ईडी ने 8वां समन जारी कर मुख्यमंत्री से कहा है कि वे 16-20 जनवरी के बीच की कोई भी तिथि निर्धारित करें। ईडी आकर पूछताछ कर लेगी। ईडी ने साथ ही कहा है कि जब वे आएं तो विधि-व्यवस्था सही रहे यह सुनिश्चित करना होगा। हालांकि 15 जनवरी को ही मुख्यमंत्री सचिवालय का कर्मी मुख्यमंत्री का जवाब लेकर ईडी कार्यालय पहुंचा। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उक्त चिट्ठी में मुख्यमंत्री ने क्या लिखा है?