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JSSC : जेएसएससी संशोधित नियमावली को कोर्ट ने कहा- असंवैधानिक, अगली सुनवाई 8 फरवरी को

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रांचीः
जेएसएससी संशोधित नियमावली के खिलाफ दायर याचिका पर आज झारखण्ड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा, ऐसा लग रहा कि य़ह संशोधन असंवैधानिक है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार को एफिडेविट दायर करने का निर्देश दिया है।

 

जिसके लिए राज्य सरकार ने 10 दिन का समय मांगा है। अदालत ने इसे स्वीकार किया और एफिडेविट दायर करने के लिए सरकार को अंतिम मौका दिया है।  


अगली सुनवाई 8 फ़रवरी को 
प्रार्थी रमेश हांसदा की ओर से अदालत में अधिवक्ता कुशल कुमार ने पक्ष रखा। उनके मुताबिक अदालत ने राज्य सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई है, साथ ही मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि दोनों  संशोधन में असंवैधानिक लग रही है।  अब इस मामले में अगली सुनवाई 8 फ़रवरी को होनी है। 


 

क्या कहा गया था याचिका में
याचिका में कहा गया है कि उर्दू को जनजातीय भाषा की श्रेणी में राजनीतिक मंशा के कारण रखा गया है। झारखण्ड के ज्यादातर सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का माध्यम हिंदी है जबकि उर्दू की पढ़ाई एक खास वर्ग के लोग मदरसे में करते हैं।

ऐसे में किसी खास वर्ग को सरकारी नौकरी में अधिक अवसर देना और हिंदी भाषी अभ्यर्थियों के मौके में कटौती करना संविधान की भावना के मुताबिक सही नहीं है। इसलिए राज्य सरकार द्वारा लागू की गई नई नियमवाली को निरस्त किया जाना चाहिए।