रांची:
रविवार को प्रशिक्षित विशेष शिक्षक संघ ने राजभवन के सामने 1 दिवसीय धरना दिया। धरना पर बैठे प्रशिक्षित विशेष शिक्षकों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक सभी सरकारों को दिव्यांग बच्चों के लिए 30 मार्च 2022 से पहले विशेष शिक्षक का पद सृजित कर स्थायी नियुक्ति करनी है, लेकिन झारखंड सरकार ने एक निजी एजेंसी (JMD Service Private Limited) का ये काम सौंप दिया है।
तमाम मापदंडों का उल्लंघन किया जा रहा है
शिक्षकों ने आरोप लगाया कि कंपनी नियुक्ति प्रक्रिया में झारखंड शिक्षा परियोजना के दिशा-निर्देश तथा मापदंडों का पालन नहीं कर रही है। नियुक्ति प्रक्रिया में भारी अनियमितता बरती जा रही है। कंपनी, अभ्यर्थियों से सुनियोजित तरीके से पैसे वसूल रही है। पैसे लेने की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का सबूत ना रहे, कंपनी इसका भी ध्यान रखती है।
शिक्षा मंत्री के आश्वासन से भी कुछ नहीं हुआ
प्रशिक्षित विशेष शिक्षक संघ ने बताया कि वे लोग बीते 2 महीने से राज्यपाल, मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और झारखंड शिक्षा परियोजना के वरीय अधिकारियों को लिखित तौर पर पूरे मामले से अवगत कराते आ रहे हैं। कंपनी द्वारा बरती जा रही अनियमितता से संबंधित साक्ष्य भी उपलब्ध करवाया गया है। शिक्षा मंत्री ने आश्वासन भी दिया था लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई भी सकारात्मक पहल नहीं की गई है। कंपनी, अभी भी गलत तरीके से नियुक्ति प्रक्रिया में लिप्त है।
मांगे नहीं मानी गई तो करेंगे सुप्रीम कोर्ट का रुख
संघ का कहना है कि पूरी नियुक्ति प्रक्रिया बिना किसी मापदंड और दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए जारी है। इसमें आरक्षण नीति, मेरिट लिस्ट और शॉर्टलिस्ट जैसी जरूरी प्रक्रियाओं को नजरअंदाज कर ज्वॉइनिंग लेटर दिया जा रहा है। यदि ऐसे ही नियुक्तियां की गईं तो राज्य के लाखों दिव्यांग बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जायेगा। उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा।
संघ ने सरकार से मांग की है कि मौजूदा नियुक्ति प्रक्रिया रोकी जाए। सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के मुताबिक स्थायी नियुक्ति हो। कहा कि यदि मांगें पूरी नहीं हुई तो संघ अनिश्चितकालीन आंदोलन करेगा।