द फॉलोअप डेस्क
झारखंड में MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग) के क्षेत्र में एक चौंकाने वाला बदलाव देखने को मिला है। स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी के आंकड़ों के अनुसार, सूक्ष्म और लघु उद्योगों की संख्या में कमी आई है। जबकि मध्यम उद्योगों में वृद्धि हुई है। सितंबर 2023 से सितंबर 2024 तक के आंकड़ों में यह स्पष्ट रूप से दिखा है कि सूक्ष्म उद्योगों के बैंक खातों की संख्या 6,35,000 से घटकर 6,03,000 हो गई है। इसका मतलब है कि 32 हजार खाते कम हो गए। इसी तरह लघु उद्योगों के खातों की संख्या भी 23,000 से घटकर 21,000 हो गई है। हालांकि, इस दौरान मध्यम उद्योगों में वृद्धि हुई है। उनके खातों की संख्या 4,000 से बढ़कर 5,000 हो गई।राज्य के लिए चिंताजनक है गिरावट- विनोद अग्रवाल
इसे लेकर झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के इंडस्ट्री सब कमेटी के चेयरमैन विनोद अग्रवाल का कहना है कि यह गिरावट राज्य के लिए चिंताजनक है। क्योंकि इसका सीधा असर रोजगार पर पड़ रहा है। उनका कहना है कि सरकार को इस स्थिति पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है।
क्या है गिरावट का कारण
मिली जानकारी के अनुसार, सूक्ष्म और लघु उद्योगों के घटने की मुख्य वजहें भी सामने आई हैं। इनमें प्रमुख कारण हैं - छोटे उद्यमियों के लिए जियाडा द्वारा उपलब्ध कराए गए बड़े प्लॉट, जो वे नहीं ले पाते। इसके साथ ही केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन न होना और सिंगल विंडो सिस्टम का सही से काम न करना। इसके अलावा प्रोक्योरमेंट पॉलिसी के तहत सरकार द्वारा छोटे उद्योगों से 25% माल खरीदने का प्रावधान होने के बावजूद सरकारी प्रोजेक्ट्स के कॉन्ट्रैक्टर को यह काम दे दिया जाता है। इससे छोटे उद्योगों को इसका लाभ नहीं मिल पाता।MSME को मिला 4,982.2 करोड़ का लोन
वहीं, अगर MSME को मिलने वाले ऋण की बात करें, तो सितंबर 2023 से सितंबर 2024 के बीच इन उद्योगों को कुल 4,982.2 करोड़ रुपए का लोन मिला है। इसमें से सूक्ष्म उद्योगों को 3,533 करोड़ रुपए, लघु उद्योगों को 1,250 करोड़ रुपए और मध्यम उद्योगों को महज 214 करोड़ रुपए का लोन दिया गया।