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अंकिता ह'त्याकांड : दीपक प्रकाश का तल्ख बयान, बोले-झारखंड की बेटी जल रही थी, मुख्यमंत्री सीटी बजा रहे थे

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रांची: 

अंकिता हत्याकांड पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने आज राज्य सरकार पर बड़ा हमला बोला।उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार के कार्यकाल के 32 महीनो में सर्वाधिक पीड़ित राज्य की बहन-बेटियां हुई है। राज्य में मई-2022 तक बलात्कार के 4,047 मामले सरकारी रिपोर्ट में दर्ज है जिसमें सर्वाधिक पीड़ित आदिवासी और दलित समाज की बहन बेटियां हैं।

झारखंड में बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं!
दीपक प्रकाश ने कहा कि होनहार बेटी रूपा तिर्की, संध्या टोपनो के साथ हजारों बेटियों के साथ दुष्कर्म तथा अनेक की हत्या ने राज्य को भयभीत किया है। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार में बेटियों को तेजाब पेट्रोल से जलाया जा रहा है लेकिन सरकार संवेदनहीन बनी हुई है। उन्होंने कहा कि 23 अगस्त की अहले सुबह अंकिता जो झारखंड की बेटी थी के साथ दिल दहला देने वाली घटना हुई। जिससे केवल झारखंड ही नही देश में आक्रोश है।

सरकार की लापरवाही ने ली अंकिता की जान!
दीपक प्रकाश ने कहा कि राज्य सरकार की लापरवाही ने अंकिता की जान ले ली। घटना के दिन 12 बजे दिन तक दुमका जिला प्रशासन केवल खानापूर्ति करता रहा क्योंकि वह एक गरीब की बेटी थी। पढ़-लिखकर शिक्षिका बनना चाहती थी।12 घंटे बाद उसके पिता ने किसी तरह आर्थिक सहयोग जुटा कर उसे रांची रिम्स में एडमिट कराया। उन्होंने कहा कि जहां अंकिता को दुमका के चिकित्सा अधिकारी ने मात्र 46 प्रतिशत ही जला बताया वहीं रिम्स में उसे 90 प्रतिशत बताया। पैसे के अभाव में वह रिम्स के जनरल वार्ड में मौत से जूझती रही।

अंकिता को बेहतर इलाज मिलता तो बच जाती जान!
उन्होंने कहा बीजेपी महिला मोर्चा और युवा मोर्चा के कार्यकर्ता धन्यवाद के पात्र हैं जिन्होंने उसे यथासंभव सहायता उपलब्ध कराई। उन्होंने कहा कि आज हवाई जहाज से सैर पर जाने वाली सरकार यदि अंकिता केलिए  छोटा जहाज भी उपलब्ध करा देती तो उसकी जान बच सकती थी। उन्होंने कहा कि कहा कि इस सरकार में पत्थरबाजों को बचाने के लिए हवाई जहाज है लेकिन अंकिता जैसे गरीब बेटियों केलिए नही।

सरकार द्वारा दी गई मुआवजा राशि पर उठाया सवाल
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई 10 लाख की सहायता राशि पर कहा कि मुख्यमंत्री के नजरों में अंकिता के जान की कीमत 10 लाख ही है। उन्हें बताना चाहिए कि यह कोई विशेष सहायता है या सरकार की मजबूरी। उन्होंने अंकिता पर मुख्यमंत्री के बयान को गैर जिम्मेदाराना बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री से ऐसे बयान की उम्मीद नहीं थी।

2 साल से प्रताड़ित की जा रही थी अंकिता!
दीपक प्रकाश ने कहा कि अंकिता से घटित घटना अचानक नही है। 2साल से वह प्रताड़ित हो रही थी। उसके पिता ने थाना में शिकायत भी दर्ज कराया था लेकिन  शाहरुख हुसैन और उसके बड़े भाई सलमान के दबाव में पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बना रहा। उन्होंने कहा कि डीएसपी मुस्तफा भी इसमें पूरी तरह संलिप्त है। यह झामुमो कार्यकर्ताओं केलिए खनिजों को लुटवाता है।

चुनाव में झामुमो के एजेंट की तरह काम करता है। उन्होंने कहा कि कहा कि डीएसपी ने एफआईआर में अंकिता की उम्र को बढ़ा दिया और आरोपी शाहरुख और नईम की उम्र घटा दी ताकि जुवेनाइल एक्ट के तहत उसे बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि शाहरुख और उसका भाई सलमान दोनो का पीएफ आई से सम्बद्ध होने की बात सामने आ रही जिसकी एनआईए जांच होनी चाहिए। डीएसपी मुस्तफा पर भी  हत्या के षड्यंत के लिए एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।

दीपक प्रकाश ने पुलिस की भूमिका पर उठाए सवाल
दीपक प्रकाश ने कहा कि आज झारखंड में थाना, बीडीओ  और सीओ के पोस्टिंग की नीलामी हो रही। उन्होंने कहा कि बात बात पर मोमबत्ती जुलूस निकालने वाले झामुमो कांग्रेस के लोग कहां है। कहां हैं सोनिया जी,राहुल जी,प्रियंका जी। कहां गए झामुमो कांग्रेस के विधायक सांसद नेता जिन्होंने अंकिता के परिजनों को छोटी संवेदना भी प्रकट नही की। कहा कि आज न्यायपालिका ने इस घटना पर स्वत संज्ञान लेकर राज्य की जनता में विश्वास पैदा किया है।