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Ranchi : नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज मामला, अधिग्रहण की अधिसूचना के अंतिम दिन रांची में प्रदर्शन

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रांची: 

नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज को रद्द करने की मांग पर केंद्रीय जन संघर्ष समिति के आह्वान पर नेतरहाट फील्डिंग फायरिंग रेंज की जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना के अंतिम दिन आज गुमला लातेहार, रांची, लोहरदगा, रामगढ़ समेत राज्य भर में धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया। रांची के अल्बर्ट एक्का पर आदिवासी संघर्ष मोर्चा , माले, झारखंड जन अधिकार महासभा, आदिवासी अधिकार मंच  ,समेत अन्य जनसंगठनों के कार्यकर्ताओं ने  प्रदर्शन कर जान देगें जमीन नहीं के नारे को एक बार फिर बुलंद किया है। 

रांची के इन स्थानों पर किया गया प्रदर्शन
रांची के अल्बर्ट एक्का चौक समेत गांधी प्रतिमा, मोरहाबादी ,बिरसा समाधि स्थल कोकर , अम्बेडकर चौक, डोरंडा , राजेंद्र चौक समेत कई स्थानों पर प्रदर्शन किया। गुमला लातेहार के आदिवासियों ने इसी अधिसूचना को रद्द करने की मांग पर ही 180 किमी की पदयात्रा कर रांची आकर राज्यपाल से मिलकर नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज को रद्द करने की मांग की है। अल्बर्ट एक्का चौक पर आयोजित विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए दयामनी बारला ने कहा कि झारखंड अलग विशिष्टताओं की वजह से अलग राज्य बना है। विकास और सुरक्षा के नाम पर सबसे ज्यादा आदिवासी गांवों को उजाड़ा गया है। 

लूट और शोषण का सिलसिला बंद होना चाहिए
दयामनी बारला ने कहा कि झारखंड में लूट और शोषण का सिलसिला बंद हो। नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज की अधिसूचना रद्द नहीं किया गया तो अलग राज्य के बाद अब झारखंड के जल जंगल जमीन को बचाने के लिए आंदोलन और तेज होगा। भाकपा माले जिला सचिव  भुवनेश्वर केवट ने कहा की  सैन्य अभ्यास के नाम पर जंगलों की कटाई और कंक्रीट का ढेर खड़ा कर निर्माण की छूट नहीं दी जा सकती है। सेना के अभ्यास के लिए पर्याप्त ज़मीन है। नेतरहाट राज्य के पर्यावरण की कूंजी है यह नहीं बचा तो सरकार भी नही बचेगी । आदिवासी संघर्ष मोर्चा के संयोजक जगरनाथ उरांव ने कहा कि इको सेंसिटिव जोन के नाम पर सिर्फ बाघ हाथी ही नही आदिवासियो और उनके गांव को। बचाने की भी चिंता किया जाना चाहिए। 

30 वर्षों के आंदोलन से भी नहीं चेती सरकार
सभी आंदोलनकारियो ने एक स्वर से कहा की तीस वर्षो के आन्दोलन से सरकार नहीं चेती तो अच्छे दिन के बजाय बुरे नतीजे देखने होगें। राँची के अल्बर्ट एक्का चौक के प्रदर्शन  का नेतृत्व दयामनी बारला, भुवनेश्वर केवट, जगरनाथ उरांव और शुभेंदु सेन  , गाँधी प्रतिमा, मोरहाबादी ,– प्रभाकर नाग एवं साथी, बिरसा मुण्डा समाधि स्थल, कोकर, कुलदीप तिर्की, जॉय बखला ,अम्बेडकर चौक, डोरंडा में इबरार अहमद, प्रभाकर तिर्की, फा. महेंद्र पीटर तिग्गा, रतन तिर्की , राजेंद्र चौक – नदीम खान, बब्बर एवं साथी समेत कई नेताओं ने किया।
अल्बर्ट एक्का चौक पर आयोजित विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम को ऐक्टू प्रदेश।

महासचिव शुभेंदु सेन , फिल्मकार श्रीप्रकाश सामाजिक कार्यकर्ता एलीना होरो आदीवासी अधिकार मंच के प्रफुल्ल लिंडा आदीवासी मोर्चा के सुदामा खलखो, सूखनाथ लोहारा,मेवा उरांव, मंगल दानी मिंज, शनिचरवा मुंडा शांति सेन बिना लिंडा, सोनाली, काली मिंज एनामुल हक, पुनीता टोपनो आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।