द फॉलोअप डेस्क
राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में पिछले एक से डेढ़ माह में कई नए नियम लागू किए गए हैं। लेकिन इसके बावजूद भी भ्रष्टाचार की समस्या जस की तस बनी हुई है। रिम्स में आमतौर पर 5 रुपए की पर्ची पर डॉक्टर इलाज करते हैं. लेकिन हाल ही में एक अजीबोगरीब स्थिति सामने आई है। पिछले 8-10 दिनों में कुछ लोग इस 5 रुपए की पर्ची के लिए 50 से 100 रुपए तक खर्च कर रहे हैं।
कैसे हो रही वसूली
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अस्पताल प्रबंधन ने लोगों की सहूलियत के लिए सेल्फ रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था शुरू की है। अब मरीजों को एक मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए रजिस्ट्रेशन करना होता है और फिर टोकन नंबर प्राप्त करके काउंटर पर पर्ची मिलती है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि एक सामान्य प्रक्रिया में आखिर इतनी वसूली क्यों हो रही है।रजिस्ट्रेशन में करते हैं मरीजों की मदद
दरअसल, रिम्स में आने वाले 60-65% मरीज गरीब तबके से आते हैं। उनमें से अधिकांश के पास स्मार्टफोन तक नहीं होते। इस समस्या का समाधान करने के लिए अस्पताल ने ओपीडी काउंटर के बाहर कुछ कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी है, जो मरीजों को रजिस्ट्रेशन में मदद करते हैं।
सहायता के नाम पर वसूली
बताया गया कि कुछ लोग रजिस्ट्रेशन में सहायता के नाम पर 50 से 100 रुपए तक की वसूली कर रहे हैं। इस मुद्दे पर दैनिक भास्कर के पत्रकार ने बुधवार को करीब डेढ़ घंटे तक जांच की। इस दौरान उन्होंने पाया कि रजिस्ट्रेशन के लिए लगी लंबी कतार में पैसे देकर लोगों को प्राथमिकता दी जा रही थी। इस तरह की वसूली से यह साफ हो गया कि नियमों की कड़ाई के बावजूद रिम्स में भ्रष्टाचार जारी है।