logo

Lohardaga : डीसी और एसपी से मिले भारतीय जनतंत्र मोर्चा के धर्मेंद्र तिवारी, सामने रखी ये मांग

dclohardaga.jpg

लोहरदगा: 

भारतीय जनतंत्र मोर्चा के अध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी के नेतृत्व में 3 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को लोहरदगा के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की। प्रतिनिथिमंडल ने डीसी और एसपी से मांग की है कि सांप्रदायिक हिंसा के शिकार लोगों को सुरक्षा प्रदान किया जाये। उनके लिए इलाज की उचित व्यवस्था की जाये। मामले की उच्चस्तरीय जांच हो तथा उपद्रवियों की शीघ्र गिरफ्तार की जाये। 

लोहरदगा हिंसा दुखद और निंदनीय
उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक से मुलाकात के बाद धर्मेंद्र तिवारी ने कहा कि रामनवमी के दिन लोहरदगा में हुई सांप्रदायिक हिंसा दुखद और निंदनीय है। उन्होंने कहा कि इस तरह का कुकृत्य आपसी भाईचारा, धार्मिक-सांस्कृतिक परस्परता एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण को कंलकित करता है, उसे चोट पहुंचाता है गंगा-जमुना तहजीब को प्रदूषित करता है।

सांप्रदायिक सौहार्द कहीं खो गया है
धर्मेंद्र तिवारी ने बताया कि एक समय था जब मुर्हरम में हिन्दू भाई अपने सिर पर ताजिया लेकर बड़े शान से मुहर्रम जुलूस में भाग लेता था, वहीं मुस्लिम भाई भी रामनवमी में झंडे को अपने कंधो से लगाये रखते थे, रामभक्तों का सेवा-भगत करते थे, उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो इसका वे ख्याल रखते थे। इससे लोकतंत्र की सामाजिक एवं स्वस्थ परंपरा को काफी बल मिलता था। पर अब यह सब चीजें देखने को नहीं मिलती है।


आज सामाजिक समरसता, सामाजिक सहिष्णुता का लोप हो गया है, युवा ‘बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय’ के लक्ष्य से भटक गये है। उन्होंने लोगों से अपील किया कि वे अफवाहों से दूर रहे, भड़काने वाले किसी भी गतिविधि में शामिल न हो।

केवल तुष्टिकरण से ना देखा जाये मामला
उन्होंने लोहरदगा जिला प्रशासन के साथ ही साथ राज्य सरकार से आग्रह किया कि इस संवेदनशील मामले को केवल तुष्टिकरण के चश्में से न देखा जाए, बल्कि इस मामले की निष्पक्ष जांच किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी से कराई जाए। उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों में जैसी खबरें आ रही है कि इन सब के पीछे स्लीपर सेल का प्रत्यक्ष हाथ है, जो काफी गंभीर है, लोकतंत्र के लिए घातक है, भारत की एकता पर प्रतिकूल असर डालने वाला है।

धर्मेंद्र तिवारी ने हेमंत सरकार को इस पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई अथवा एनआईए से कराने की मांग की। ताकि इन देशद्रोहियों को चिन्हित किया जा सके, उन्हें विधिसम्मत दंड दिया जा सके।