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एक महीने में दुरुस्त होगी राज्यकर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना की विसंगतियां 

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द फॉलोअप डेस्क
राज्य सरकार ने एक महीने के भीतर राज्यकर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना की विसंगतियां दूर करेगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जल्द ही एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया जाएगा। इस कमेटी में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और डॉक्टरों के अलावा रिम्स के भी डॉक्टर शामिल होंगे। यह कमेटी 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी। उस आधार पर स्वास्थ्य बीमा योजना की गड़बड़ियां दूर की जाएंगी। यह निर्णय आज अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में लिया गया। इस बैठक में वित्त विभाग की विशेष सचिव राजेश्वरी बी, जैप आईटी के सीईओ राजकुमार गुप्ता, झारखंड राज्य आरोग्य सोसाइटी के निदेशक अबु इमरान और टाटा एआईजी के मुकेश पराशर के अलावा कई अन्य अधिकारी शामिल थे।


जानकारी के अनुसार इस बैठक में राज्यकर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना की सभी तरह की गड़बड़ी व विसंगतियों पर विस्तार से चर्चा की गयी। तकनीकी खामियों में सुधार के लिए जैप आईटी को जिम्मेदारी दी गयी। वहीं बीमा के पैकेज संबंधी खामियों के लिए उच्चस्तरीय कमेटी बनाने का निर्णय लिया गया। बैठक में कई तरह के केस स्टडी को रखा गया। बताया गया कि पारस हॉस्पीटल राज्यकर्मियों के इलाज के लिए तय सूची में शामिल है। लेकिन पारस हॉस्पीटल कुछ गिने चुने बीमारियों के इलाज के लिए इमंपैनलमेंट किया गया है। इसी तरह बताया गया कि कश्यप आई हॉस्पीटल मोतियाबिंद का इलाज करने से इंकार कर रहा है। क्योंकि मोतियाबिंद के इलाज के लिए तय राशि पर अस्पताल इलाज करने को तैयार नहीं है।


बैठक में सबसे अधिक चर्चा बीमारियों के इलाज के लिए बनाए गए पैकेज पर की गयी। बैठक में कहा गया कि बड़े अस्पताल तय राशि पर इलाज करने को तैयार नहीं हो रहे हैं। छोटे-मोटे अस्पताल उस राशि पर इलाज कर देते हैं, लेकिन वहां राज्यकर्मी इलाज के लिए जाने को तैयार नहीं हैं। यहां मालूम हो कि स्वास्थ्य बीमा योजना के पैकेज से राज्य सरकार के कर्मचारी-अधिकारी काफी असंतुष्ट हैं। उनका शिकायत है कि सूची में राजधानी रांची सहित देश के अन्य बड़े शहरों के अस्पताल शामिल नहीं किए गए हैं। दूसरा बीमारियों के इलाज के लिए राशि निर्धारित कर दिए जाने से इलाज कराना मुश्किल हो रहा है।


 

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