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ED ने शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया, एजेंसी ने क्या कहा?

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रांची 

ED ने शराब घोटाला के आरोपी योगेंद्र तिवारी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित ये आरोप पत्र पीएमएलए कोर्ट में दाखिल किया गया है। आरोप पत्र में ED ने बताया है कि योगेंद्र तिवारी ने बालू और जमीन के कारोबार में हुई अवैध कमाई का इस्तेमाल शराब के अवैध धंधे में किया। एजेंसी ने तिवारी पर अपने दफ्तर से उन कागजात को छिपाने का भी आरोप लगाया है, जो तिवारी के खिलाफ सबूत हो सकते थे। एजेंसी ने बताया है कि तिवारी ने नियमों को दरकिनार कर और लाइसेंस की शर्तों के परे जाकर बालू विशाल स्टॉक किया। शराब घोटाले के साथ अब ED तिवारी के खिलाफ इन आरोपों की भी जांच करेगी। 

शेल कंपनियों से जुड़ रहे मामले के तार 

ED ने जानकारी दी है कि योगेंद्र तिवारी और उससे जुड़ी कंपनियों को राज्य के कुछ आला प्रशासनिक अधिकारियों और राजनेताओं का संरक्षण मिलता रहा है। ऐसे लोगों के खिलाफ जांच जारी रहेगी। बताया कि तिवारी ने बालू, शऱाब और जमीन के कारोबार में हुई अवैध कमाई को छिपाने के लिए शेल कंपनियों का सहारा लिया। उसने राज्य के कुछ नेताओं और अफसरों की मिलीभगत से साल 2021-22 में एक व्यवसायिक ग्रुप बनाया। ग्रुप में दर्ज कंपनियों के नाम से बैंक में अकाउंट खोले गये। इन अकाउंट में अवैध कमाई को ट्रासफर किया गया। एजेंसी ऐसे बैंक खातों की पहचान करने में जुटी हुई है। ED के अनुसार शेल कंपनियों की मदद से लगभग 15 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गयी है। इसकी जांच की जा रही है। 

ट्रासंफर-पोस्टिंग के धंधे में भी लिप्त रहा है योगेंद्र तिवारी 
गौरतलब है कि शराब घोटाले के आरोपी योगेंद्र तिवारी के खिलाफ 30 अक्टूबर को ED ने चौंकाने वाला पर्दाफाश किया था। ED की ओर से कहा गया कि शराब घोटाले के आरोपी ने देवघर में जमीन हथियाने के लिए अंचल अधिकारी की मदद ली। बता दें कि शराब घोटाले के आरोपी योगेंद्र तिवारी से ED जमीन घोटाला और ट्रासंफर-पोस्टिंग मामलों में भी पूछताछ कर रही है। मिली खबर के मुताबिक, ED ने बताया है कि तिवारी अफसरों की ट्रांसफर और पोस्टिंग में लिप्त रहा है। इसके जरिये उसने सत्ता और नौकरशाहों तक पहुंच बनायी। ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए योगेंद्र तिवारी प्रेम प्रकाश की मदद लिया करता था। प्रेम प्रकाश की पहले से नौकरशाहों तक पहुंच रही है और वो फिलहाल जेल में है। वहीं, तिवारी ने देवघर में अवैध तरीके से जमीन हासिल करने के लिए तत्कालीन सीओ की मदद ली।