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ED का कैबिनेट सचिव को कड़ा जवाब, कहा- आप तय नहीं करेंगे कैसे हो कार्रवाई

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द फॉलोअप डेस्कः 
ईडी ने कैबिनेट सचिव को जवाब भेज दिया है। समन का कारण पूछने वाले पत्र में ईडी ने कहा है कि हमें जांच के लिए राज्य सरकार के मंजूरी की जरूरत नहीं है। निदेशालय किसी को भी पूछताछ के लिए समन कर सकता है। समन का कारण पूछने का अधिकार राज्य सरकार को नहीं है। बता दें कि कुछ दिनों पहले ही कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने ईडी को पत्र भेजा था। जिसमें ये पूछा है गया कि किन वजहों से सीएम हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक उर्फ पिंटू, साहेबगंज उपायुक्त और दूसरे अधिकारियों को बुलाया जा रहा है। ईडी ने कैबिनेट सचिव को लिखा कि आपने पीएमएलए कानून के तहत राज्य में जारी जांच प्रक्रिया और समन के आधार और कारणों की जानकारी मांगी है। ईडी ने बताया कि आपने वैभव कुमार, नौशाद आलम, राजा मित्रा, राम निवास यादव और अवधेश कुमार को जारी समन का आधार और कारणों की जानकारी मांगी है। हमारा यह पत्र उसी संदर्भ में है। 

आप दखलअंजादी क्यों कर रही मामले में 

ईडी ने कहा कि हम पहले स्पष्ट कर दें कि समन आपको व्यक्तिगत तौर पर जारी नहीं किए गये हैं। हमें समझ नहीं आ रहा है कि आप उपरोक्त लोगों को जारी समन पर दखलअंदाजी क्यों कर रही हैं। उन्होंने कहा कि पीएमएलए की धारा 50 (2) किसी ऐसे व्यक्ति को मामले में हस्तक्षेप की इजाजत नहीं देता जिसे व्यक्तिगत तौर पर समन नहीं किया गया हो। उन्होंने कहा कि यही कानून जांच अधिकारियों को निर्देशित करता है कि वे जांच के दरम्यान किसी भी प्रकार की जानकारी किसी तीसरे व्यक्ति के साथ साझा करें। ईडी ने कैबिनेट सचिव को कहा कि न तो आप और न ही आपका कार्यालय जांच के बारे में किसी भी जानकारी हासिल करने के लिए कानूनी रूप से अधिकृत है। ईडी ने कैबिनेट सचिव से कहा कि आप साबित करें कि आप जांच के बारे में जानकारियां हासिल करने के लिए किसी भी प्रकार से अधिकृत हैं। 

राज्य सरकार को पूछने का अधिकार नहीं 

ईडी ने कहा कि पीएमएलए कानून के तहत जारी जांच में हस्तक्षेप या किसी भी प्रकार का सर्कुलर, प्रशासनिक आदेश या अंतरिम दिशा-निर्देश जारी करने के लिए आप किसी प्रकार से अधिकृत नहीं हैं। ईडी ने कहा कि यदि ऐसा कोई दिशा निर्देश या प्रशासनिक आदेश जारी किया भी जाता है तो संसद में मनी लॉन्ड्रिंग के लिए बने पीएमएलए कानून के तहत जांच अधिकारी उन्हें मानने के लिए बाध्य नहीं है। या यूं कहिए कि पीएमएलए कानून के तहत मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहे अधिकारियों पर उपरोक्त निर्देश लागू नहीं होते। ईडी ने कहा कि राज्य सरकार को इन मामलों में हस्तक्षेप का अधिकार ही नहीं है। 
ईडी ने यह भी कहा है कि पीएमएलए कानून की धारा 50 (2) के तहत एजेंसी को किसी भी व्यक्ति को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाने का अधिकार है। केवल इतना ही नहीं। ईडी वो तमाम दस्तावेज भी मंगा सकती है जो उसे जांच में सहयोग के लिए जरूरी लगता है। पीएमएलए की धारा 50 (3) के तहत जिसे समन किया गया है, वह व्यक्ति पूछताछ के लिए हाजिर होने के लिए बाध्य है।