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आरोपियों का ध्यान भटकाने के लिए ED ने लगा दिया पोस्टर, कहा- 2 दिन सम्मेलन करेंगे

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द फॉलोअप डेस्कः
गुरुवार को ईडी ने रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन और उनसे जुड़े कई लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान ईडी के हाथों जमीन घोटाले से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं। पिछले कुछ महीनों से झारखंड में लगातार ईडी की दबिश जारी है। इससे कई लोग सचेत हो गए हैं। ईडी को मालूम था कि अगर वह छापेमारी करने जाएंगे तो कोई बहुत महत्वपूर्ण दस्तावेज उनके हाथ नहीं लग पाएगा। ईडी की हर एक चाल पर लोग बाज की तरह नजर टिकाए हुए हैं। इसलिए इस बार ईडी ने योजनाबद्ध तरीके से छापेमारी की। ईडी ने नाटक किया कि वह 2 दिन किसी तरह का कोई काम नहीं करने वाले हैं। बल्कि दो दिवसीय सम्मेलन करने वाले हैं।

 

इससे जुड़ा पोस्टर भी जारी किया गया। ईडी अधिकारियों ने नजर रखने वालों का ध्यान भटकाने की योजना बनाई गई। ईडी ने विभिन्न होटलों और प्रमुख ठिकानों पर पोस्टर लगवा दिया कि ईडी के जोनल कार्यालय में 13 व 14 अप्रैल को दो दिवसीय सम्मेलन है। पोस्टर में लिखा था कि इस सम्मेलन में मनी लांड्रिंग के साइड इफेक्ट के विषय पर विचार-विमर्श होगा। ऐसा आरोपियों का ध्यान भटकाने के लिए किया घया। एक तरफ पोस्टर लगवाया गया और दूसरी तरफ गुरुवार की सुबह ही ईडी ने एक साथ दस्तक दे दी। 


इधर 7 लोगों की गिरफ्तारी
कल की हुई छापेमारी के बाद ईडी ने जमीन फर्जीवाड़ा मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है। सभी अभियुक्तों को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा। गिरफ्तार अभियुक्त में एक सर्किल इंस्पेक्टर भी शामिल। ईडी ने बड़गाई सीआई भानू प्रताप प्रसाद, फर्जी कागजात तैयार करने वाले अफसर अली, सद्दाम, इम्तियाज अहमद, तल्हा खान, प्रदीप बागची, फैयाज खान को गिरफ्तार किया है। ईडी की छापेमारी के बाद यह सबसे बड़ी कार्रवाई है।  

 

ईडी की छापेमारी ने कई बड़े जमीन घोटाले के संकेत दिए हैं। इस घोटाले में कई बड़े अफसर और कर्मचारी नपेंगे यह तय है। भानु प्रताप को जमीन घोटाले का मुख्य सूत्रधार बताया जा रहा है। कल जब ईडी ने छापेमारी की तो जांच में यह बात सामने आई कि रांची में एक गिरोह सक्रिय है जो कोलकाता जाकर रांची की जमीन का फर्जी पेपर बनवाता है। उसकी रजिस्ट्री कोलकाता में कराई जाती है। इसके बाद कौड़ी की जमीन को करोड़ों में बेचा जाता है। इस पूरे फर्जीवाड़ा में आला अधिकारियों के साथ-साथ अंचल अधिकारी, राजस्व कर्मचारी की बड़ी भूमिका होती है। जांच में पता चला है कि सरकारी अफसरों, कर्मियों के साथ-साथ माफियाओं ने भी अरबों की कमाई की है।