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शराब कारोबारी योगेंद्र पर  ED ने कसा शिकंजा, कर्मियों के नाम कंपनी बनाकर की मनी लांड्रिंग

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द फॉलोअप डेस्कः
ED ने शराब घोटाला के आरोपी योगेंद्र तिवारी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। जिसमें कई खुलासे हुए हैं। आरोप पत्र में बताया गया है कि योगेंद्र ने अवैध तरीके से बालू, शराब व जमीन कारोबार से पैसे जुटाए। इन पैसों के जरिए साल 2021 में शराब के थोक कारोबार का ठेका 14 जिलों में हासिल किया। कारोबार के लिए अपने कर्मचारियों व करीबियों के नाम पर कंपनियां खोलीं। इन कंपनियों का लाभ व संचालन योगेंद्र ही करता था। अवैध तरीके से कारोबार करने के लिए योगेंद्र ने 100 से अधिक ईमेल का इस्तेमाल किया। 
जब वह ईडी की रडार पर आया तो सारे ईमेल डिलिट कर दिए।  ईमेल की रिकवरी कर ईडी ने बड़े साक्ष्य जुटाए हैं। योगेंद्र ने छापेमारी से पहले अपने मोबाइल को बदला ताकि कोई डाटा नहीं मिल सके। एक मोबाइल नंबर जिसका इस्तेमाल योगेंद्र करता था, वह ईडी को छापेमारी के दिन भी नहीं मिल पाया था। उसने 12 से अधिक बार अपने मोबाइल बदले।

ईडी ने जांच में पाया कि योगेंद्र ने सीधे तौर पर चक्रपाणि कॉमोडिटीज, तिवारी पावर, अंबापाली इंफ्रास्ट्रक्चर, मैहर त्रिकूट रिसॉर्ट, मंडल ट्रेडर्स, शर्मा ट्रेडर्स, मन्ना ट्रेडर्स, धनबाद वाइन, अखिलेश सिंह, पाल वाइन, जामताड़ा ट्रेडर्स, पाल ट्रेडर्स, सिंह ट्रेडर्स, गौतम गोस्वामी, नाला ट्रेडर्स, मयूराक्षी इंटरप्राइजेज, स्वास्तिक ट्रेडर्स, आनंद ट्रेडर्स, शरण अल्कोहल, विद्या वाणिज्य प्राइवेट लिमिटेड, योगेंद्र तिवारी एचयूएफ, रिखिया फाउंडेशन ट्रस्ट के जरिए पैसों का लेनदेन किया। योगेंद्र ने बालू, शराब और जमीन कारोबार के लिए अपने करीबियों, कर्मचारियों के नाम पर कंपनियां खोली थीं। लेकिन इन कंपनियों के ऑपरेशन व फाइनांस का पूरा कंट्रोल उसी के पास था। 


ईडी ने योगेंद्र के कर्मचारी अनिल कुमार सिंह व प्राणतोष मिश्रा का बयान लियाने दोनों ने कबूला कि योगेंद्र की कंपनी मिश्रा वाइंस में उसे पार्टनर बनाया गया था, लेकिन सारे काम योगेंद्र अपने सीए अजय केसरी के जरिए देखता था। योगेंद्र ने इन कंपनियों का इस्तेमाल कर ही 14 जिलों में शराब के होलसेल का ठेका लिया था। यह बात भी सामने आयी कि शराब दुकानों में गलत स्टॉक मेंटन, अवैध शराब बेचकर योगेंद्र ने करोड़ों की कमायी की।


आरोप पत्र में मुख्य योगेंद्र तिवारी सहित सारण अल्कोहल प्राइवेट लिमिटेड, संथाल परगना प्राइवेट लिमिटेड, मैहर होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और राजमहल ट्रेडर्स जैसी कंपनियों को नामित किया गया है। इस मामले में अदालत ने 23 दिसंबर को आरोप पत्र पर संज्ञान लिया है। मनी लाउंड्रिंग का मामला झारखंड पुलिस द्वारा तिवारी और अन्य के खिलाफ बालू  और शराब की अवैध बिक्री के अलावा फर्जी तरीके से जमीन की बिक्री व अन्य आपराधिक गतिविधियों से संबंधित 19 प्राथमिकी से जुड़ा है। ईडी ने दावा किया है कि योगेंद्र तिवारी बालू और शराबू के व्यापार से संबंधित आपराधिक गतिविधियों में लिप्त है, जो कि उसके करीबी सहयोगियों के नाम पर थे। लेकिन सभी कंपनियों को योगेंद्र तिवारी द्वारा नियंत्रित किया जाता था।