शाहजहांपुर:
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के शाहजहांपुर (Shahjahanpur) में जिंदा किसान को मृत बताने (farmer declared dead) का मामला सामने आया है। मामला सामने आने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया। पीड़ित किसान ने बताया कि हमें खेती-किसानी के लिए पैसा चाहिए था। हम गन्ने की खेती का पैसा निकालने के लिए बैंक गए तो पता चला कि आधिकारिक दस्तावेजों में हमें मृत घोषित किया जा चुका है। किसान का कहना है कि उनको राशि आवंटित नहीं की गई क्योंकि सरकारी दस्तावेजों के मुताबिक हमें मृत घोषित किया जा चुका है।
UP: In Shahjahanpur, a case of an alive farmer being declared dead in official documents came to light
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 11, 2022
"We went to the bank to withdraw our money from sugarcane farming, there we got to know that we have been declared dead in official documents," said the victim farmer. (10.09) pic.twitter.com/lFsPCi1xsu
पंचायत सचिव को निलंबित किया गया
इस मामले में इलाके की एसडीएम राशि कृष्णा (SDM Rashi Krishna) ने बताया कि हमने राजस्व टीम गठित की तो पता चला कि जून 2021 को तिलहर के प्रखंड विकास पदाधिकारी (Tilhar BDO) ने उनको मृत घोषित कर दिया था। इसमें पंचायत सचिव की भी लापरवाही सामने आई थी। उनको निलंबित कर दिया गया है। हमने जिला समाज कल्याण पदाधिकारी को रिपोर्ट भेजी है। अब किसान को उनका प्रमाण पत्र दिया जायेगा। बता दें कि सरकारी दस्तावेजों में किसी जीवित व्यक्ति को मृत बताने का ये पहला मामला नहीं है।
हरियाणा में बुजुर्ग को मृत घोषित किया
ऐसा ही एक मामला हरियाणा (Haryana) से भी सामने आया है। हरियाणा के रोहतक (Rohtak) में 102 वर्षीय बुजुर्ग को सरकारी दस्तावेजों में मृत बताकर उनकी पेंशन रोक दी गई। रोहतक जिला अंतर्गत गांधरा गांव निवासी दुलीचंद बीते 6 महीने से सरकारी विभागों का चक्कर लगाते रहे लेकिन सुनवाई नहीं हुई। अधिकारियों ने दो टूक कहा कि पहले अपने जिंदा होने का प्रमाण लाओ, तब पेंशन मिलेगी। दुलीचंद ने और कोई चारा ना देख एक बग्घी बुक की और गाजे-बाजे के साथ शहर के बीचों-बीच जुलूस निकाला। इसमें शामिल लोगों ने तख्तियां ले रखी थी जिसमें लिखा था "थारा फूफा अभी जिंदा है"। "दुलीचंद अभी जिंदा है"। दुलीचंद ने बताया कि उनको मार्च 2022 में आखिरी बार पेंशन मिली थी। इसके बाद उनको मृत बताकर पेंशन रोक दी गई।
इस विषय पर बॉलीवुड में बन चुकी है फिल्म
हालांकि, ये एक-दो ही मामले नहीं हैं जिसमें किसी व्यक्ति को सरकारी दस्तावेजों में मृत बता दिया गया हो। झारखंड के एक गांव में कई व्यक्तियों को मृत बताकर उनको जनवितरण प्रणाली के तहत मिलने वाली राशि से वंचित कर दिया गया। मामला सामने आने के बाद इसमें सुधार किया गया। गौरतलब है कि इस विषय पर एक फिल्म भी आ चुकी है जिसका नाम कागज था। पंकज त्रिपाठी ने इसमें उस व्यक्ति का किरदार निभाया है जिसको सरकारी दस्तावेजों में मृत घोषित कर दिया गया था।