द फॉलोअप डेस्कः
11 अप्रैल को सचिवालय घेराव कार्यक्रम के दौरान भाजपा नेताओं ने बैरेकेडिंग तोड़ दिया था। बड़ी संख्या में लोग प्रोजेक्ट भवन घेरने के मकसद से आगे बढ़ते जा रहे थे। इस दौरान प्रशासन की तरफ से जमकर लाठियां बरसाई गई। जिसमें कई लोग घायल हुए। मंगलवार की देर रात धुर्वा थाने में कार्यपालक दंडाधिकारी उपेंद्र कुमार के बयान पर प्राथमिकी की गई। प्राथमिकी में भाजपा के पांच सांसद, तीन विधायक, पूर्व मुख्यमंत्री सहित 41 नामजद व हजारों अज्ञात कार्यकर्ताओं को आरोपी बनाया गया है। सभी पर उपद्रव करने, दंगा भड़काने, निर्देशों का उल्लंघन करने, सरकारी कार्य में बाधा, अपराध के लिए उकसाने व दूसरे व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने से संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज हुआ है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने कहा है कि सत्ता आती जाती रहती है। जिस दिन हमारी सरकार आई उस दिन इस लाठीचार्ज का बदला लेंगे। 2024 के चुनाव में हेमंत सरकार को उनकी औकात दिखाएंगे। हमारे कार्यकर्ताओं पर जिस तरह से लाठीचार्ज किया गया है, उन्हें क्या लगता है हम डर जाएंगे। अगर सरकार ऐसा सोच रही है तो बिल्कुल गलत सोच रही है। लाठीचार्ज से सिर्फ हमरा शरीर जख्मी हुआ है लेकिन हमारा हौसला अब भी बुलंद है। हेमंत सोरेन सरकार ही इस आंदोलन से नींव हिल गयी है। आज भाजपा के कार्यकर्ताओं पर जो अत्याचार हुए हैं, वो सरकार के इशारे पर हुआ। भाजपा इसका विरोध करती है।
सांसद संजय सेठ, सांसद निशिकांत दुबे, सांसद समीर उरांव, सांसद सुनील कुमार सिंह, सांसद अर्जुन मुंडा, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, विधायक अमित मंडल, विधायक बाबूलाल मरांडी, विधायक विरंची नारायण सिंह, पांकी के श्यामनंदन ओझा, शत्रुघ्न सिंह, आरती कुजूर, जमशेदपुर के प्रदीप मुखर्जी, अनीता सोरेन, मुनचुन राय, उमेश यादव को नामजद आरोपी बनाया गया है। मजिस्ट्रेट ने बताया है कि 11 अप्रैल को भाजपा का सचिवालय घेराव का कार्यक्रम घोषित था। शांति व्यवस्था के लिए धुर्वा, गोलचक्कर से चांदनी चौक हटिया तक 11 अप्रैल की सुबह आठ बजे से रात के 11.30 बजे तक धारा 144 लगाया गया था। इसके बावजूद भाजपा के कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग तोड़ा, उपद्रवी की तरह व्यवहार किया, तैनात फोर्स के ऊपर बोतल फेंका, पत्थरबाजी की। पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन वे बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ते रहे।