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लातेहार : गारू थाने में आदिवासी युवक की पिटाई मामले में 1 महीने बाद भी दर्ज नहीं हुई प्राथमिकी

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लातेहारः

23 फ़रवरी को गारू थाना प्रभारी व अन्य 2 पुलिसकर्मियों द्वारा थाने में आदिवासी अनिल सिंह (कुकू ग्राम, बरवाडीह प्रखंड, लातेहार, झारखंड) की बेरहमी से पिटाई की गई थी। उसे 3 दिनों तक गैरकानूनी तरीके से थाने में रखा गया। उनके ऊपर नक्सलियों को मदद करने का आरोप लगाया गया था। अनिल को 23 फ़रवरी की रात को 12 बजे गारू पुलिस उसके घर से उठा के थाना ले गई थी।

 

आरोप है कि थाना प्रभारी व अन्य 2 पुलिसकर्मियों ने लाठी से बेरहमी से पिटाई की। न केवल बेरहमी से पिटाई की बल्कि पिटाई के बाद थाना प्रभारी ने अनिल के पीछे से कपड़े के ऊपर से  पेट्रोल डाल दिया और अगले दिन पुलिस ने उससे ज़बरदस्ती उसकी खून से लथपथ पैंट और अंडरवियर खुलवा के रख ली। 


सीएम ने लिया था संज्ञान 
थाना प्रभारी व अन्य दोषी पुलिस के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करवाने अनिल सिंह 2 मार्च 2022 को अपने स्थानीय थाना  गए थे लेकिन उनका आवेदन पुलिस ने नहीं लिया। 4 मार्च को अनिल ने एससी-एसटी एक्ट में थाना में आवेदन दिया और SP को भी शिकायत किया लेकिन हिंसा के 1 महीने बाद भी दोषियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज नही हुई है। गौरतलब है कि  मुख्यमंत्री ने भी इस हिंसा का संज्ञान लिया था और झारखंड पुलिस को कार्यवाई का आदेश दिया था। कल, 25 मार्च को अनिल सिंह ने स्थानीय न्यायालय में एक कंप्लेंट केस दायर किया और प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की। 

 

लोगों में आक्रोश

इस मामले में महासभा ने राज्य सरकार से  मांग कि है कि तुरंत थाना प्रभारी व अन्य दोषी पुलिस पर SC-ST अत्याचार निवारण अधिनियम समेत अन्य धाराओं तहत प्राथमिकी दर्ज हो, उनके विरुद्ध कार्यवाई हो और अनिल सिंह को पर्याप्त मुआवज़ा मिले। साथ ही, नक्सल विरोधी अभियानों की आड़ में सुरक्षा बलों द्वारा लोगों को परेशान न किया जाए। लोगों पर फ़र्ज़ी आरोपों पर मामला दर्ज करना पुर्णतः बंद हो। पांचवी अनुसूची क्षेत्र के किसी गांव में सर्च औपरेशन चलाने से पहले ग्राम सभा और पारम्परिक प्रधानों की अनुमति ली जाए।

पांचवी अनुसूची क्षेत्र के थानों, सुरक्षा बलों व स्थानीय प्रशासन के निर्णायक पदों पर प्राथमिकता स्थानीय, मुख्यतः आदिवासियों को दी जाए। स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बलों को आदिवासी भाषा, रीति-रिवाज, संस्कृति और उनके जीवन-मूल्यों के बारे में प्रशिक्षित किया जाए और संवेदनशील बनाया जाए।