द फॉलोअप डेस्कः
झारखंड हाईकोर्ट से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने भाजपा सांसद दुबे के खिलाफ दर्ज चार प्राथमिकी (FIR) को रद्द कर दिया है। एफआईआर मधुपुर उपचुनाव के दौरान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दिए गए बयानों के बाद दर्ज की गई थी। इसे रद्द करने की मांग लेकर भाजपा सांसद ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इससे पहले इन मामलों में हाईकोर्ट ने निशिकांत के खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक का आदेश दिया था। सांद की याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत में सुनवाई हुई। निशिकांत दुबे की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव, पार्थ जालान और शिवानी जुल्का ने बहस की।
अलग-अलग थानों में दर्ज हुई थी प्राथमिकी
वर्ष 2021 में मधुपुर विधानसभा उपचुनाव में निशिकांत दुबे पर ट्वीट करने एवं बयानबाजी को लेकर अलग-अलग थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। निशिकांत दुबे की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया था कि घटना के छह माह बाद प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस मामले में सिर्फ शिकायतवाद दर्ज की जा सकती है, प्राथमिकी नहीं। बता दें कि 2021 में मधुपुर विधानसभा उपचुनाव के दौरान निशिकांत दुबे ट्वीट और बयानबाजी की गई थी। इसके बाद उन पर एफआईआर दर्ज की गई थी। मधुपुर के अलग-अलग थानों में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
फैसले के बाद सांसद का ट्वीट
कल सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद आज झारखंड हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी के हंसेडी देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री द्वारा मेरे ज़मीन पर दिए गए सभी निर्णय को अवैध करार दिया । देवघर उपायुक्त ने दुर्भावना व राजनीतिक एजेंट के तौर पर कार्य किया ।सत्य ही शिव है
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) January 11, 2024
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