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चौपट व्यवस्था : समाहरणालय की सुरक्षा ताक पर, 3 साल से एक्सपायरी अग्निशमन यंत्र बने हैं शोपीस

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रानी सिंह/ रांची
एक सप्ताह के अंदर झारखंड में आगलगी की घटना से 24 लोगों की जान चली गई है। इसके बावजूद भी राज्य के तमाम सरकारी विभागों में आग से निपटने की व्यवस्था भगवान भरोसे ही है। धनबाद में आगलगी की विभत्स घटना घटी तो हमने सोचा कि राजधानी रांची के समाहारणालय बिल्डिंग में आग से निपटने की क्या व्यवस्था है, पता करते हैं। वहां गये तो पता चला कि वहां भी विभाग के अधिकारी किसी बड़ी घटना के घटने का इंतजार कर रहे हैं। क्योंकि 3 साल से उनका ध्यान अग्निशमन यंत्र पर गया ही नहीं है। दरअसल द फॉलोअप की टीम आज समाहारणालय बिल्डिंग पहुंची थी, वहां जाकर हमने देखा कि जितने भी अग्निशमन यंत्र (fire extinguishers) हैं, सभी एक्सपायर हो गये हैं। सभी यंत्र धूल फांक रहे हैं। सभी अग्निशमन यंत्र को 2019 में ही रिफिल कराया गया है। जिसकी एक्सपायरी डेट 18 फरवरी 2020 को ही खत्म हो चुकी है। जिले के तमाम महत्वपूर्ण सरकारी काम में समाहरणालय की भूमिका अहम होती है। कानून और व्यवस्थाएं सुदृढ़ रहे इसके लिए योजनाएं बनती हैं,। लेकिन, रांची का समाहरणालय खुद सुरक्षित नहीं है।  अगर इस बिल्डिंग में आग लगेगी तो इसे बुझा पाने में कोई सक्षम नहीं होगा। क्योंकि, ज्यादातर फायर फाइटिंग सिस्टम एक्सपायर हो चुके हैं। केवल शोपीस बनकर रह गये हैं। सोचिए यह कितना खतरनाक और कितनी बड़ी लापरवाही है। समाहारणालय काफी रश वाला बिल्डिंग है, यहां हर दिन हजारों लोगों का आना जाना लगा रहता है। 

 

किसी के पास नहीं था कोई जवाब 
हम समाहारणायल बिल्डिंग के ब्लॉक A के एनडीसी के पास पहुंचे। उनसे पूछा कि यहां अग्निशमन यंत्र की एक्सपायरी डेट क्यों फेल है तो कहने लगे हमने सरकार के पास इसके लिए प्रपोजल भेजा है। वहां से जवाब आ गया है। जल्द ही फिर से रिफिल करवा लिया जाएगा।  हमने फिर पूछा कि एक्सपायर तो करीब 3 साल पहले ही हुआ है तो फिर आज क्यों आपने प्रपोजल भेजा है। इस पर उन्होंने कहा कि फंड का चक्कर है।, हमें फंड मिलेगा तभी हम कुछ कर पाएंगे। अब जाकर बिल पास हुआ है तो हम जल्द ही रिफिल करवा लेंगे। हमने कैमरे के सामने बात करने को कहा तो सभी अधिकारी बचते दिखे। कभी वह हमें दूसरे तल्ले पर भेजते रहे तो कभी तीसरे तल्ले पर। सभी अपनी जिम्मेदारियों पर जवाब देने से पल्ला झाड़ते दिखे। हमने अधिकारियों से यह भी पूछा कि आग से बचने के लिए और क्या-क्या व्यवस्था है तो इसपर भी सबने चुप्पी साध रखी थी। किसी के पास कैमरे के सामने कहने के लिए कुछ भी नहीं था। अब तो भगवान भरोसे ही यह बिल्डिंग है। क्योंकि, जब तीन साल में अधिकारियों कि आंख नहीं खुली है तो ना जाने कब तक खुलेगी। हालांकि, ब्लॉक B के तीसरे तल्ले पर कुछ यंत्र ठीक हालत में थे। हमने वहां मौजूद कर्मियों से बात की तो कहा कि यह अग्निशमन उनके पुलिस विभाग की तरफ से लगाया गया है। जिला प्रशासन की ओर से अग्निशमन यंत्र की रिफिलिंग नहीं कराई गई है।