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रांची के सभी बड़े भवनों में फायर सेफ्टी नियम का कराया जाएगा पालन, टास्क फोर्स होगी गठित

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द फॉलोअप डेस्क
धनबाद के एक अपार्टमेंट में लगी आग से एक दर्जन से अधिक लोगों की जलकर मौत हो गई थी। इस मामले में हाईकोर्ट ने भी स्वत: संज्ञान लिया है। ऐसे में अब जाकर रांची जिला प्रशासन की नींद खुली है। अग्नि सुरक्षा मानकों का अब सभी भवनों में पालन होगा। इसमें पूरी कड़ाई बरती जाएगी। ताकि, लोगों की जान- माल की सुरक्षा हो सके। दरअसल शनिवार को डीसी राहुल सिन्हा ने समाहरणालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष में अग्नि सुरक्षा (FIRE SAFETY) से संबंधित समीक्षा बैठक की। जिसमें एसएसपी कौशल किशोर, प्रभारी सिटी एसपी नौशाद आलम, सदर एसडीओ दीपक कुमार दुबे, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर राजेश्वर नाथ आलोक, एनडीसी केवल कृष्ण अग्रवाल, अपर नगर आयुक्त कुंवर सिंह पाहन, अग्नि सुरक्षा पदाधिकारी राजेंद्र राम व अन्य अधिकारी मौजूद थे। डीसी ने अग्नि सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य रूप से कराने का निर्देश दिया। उन्होंने अपार्टमेंट, व्यावसायिक भवन, मैरेज हॉल, अस्पताल, होटल, सिनेमाघरों, बैंक्वेट हॉल और 15 मीटर से ऊपर भवनों की सूची बनाने कहा। इसके अलावा सभी बड़े भवनों का का फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट व अनापत्ति प्रमाण प्रमाण पत्र देना जरूरी करने का निर्देश दिया। साथ ही पुराने बिल्डिंग को भी हर वर्ष फायर NOC लेने का निर्देश दिया है। फायर डिपार्टमेंट की टीम से कहा गया कि वे स्वयं जा कर इसकी जांच करें।

टॉस्क फोर्स में विभिन्न विभागों के होंगे अधिकारी
रांची में अग्नि सुरक्षा के मानकों का पालन कराने के लिए टास्क फोर्स तैयार करने का निर्देश डीसी ने दिया है। इस टॉस्क फोर्स में फायर ब्रिगेड, नगर निगम, मजिस्ट्रेट और फोर्स की टीम शामिल होगी। डीसी ने कहा कि यह फोर्स समय- समय पर जांच कर रिपोर्ट दे। ताकी, सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन कराया जा सके।

फायर सेफ्टी नहीं हो तो बिल्डरों पर क्रिमिनल केस हो
फायर एडवाइजरी का पालन करने और भवन बनने पर फायर सेफ्टी देखने का निर्देश संबंधित पदाधिकारी को डीसी की ओर से दिया गया है। उन्होंने एडवाइजरी का कंप्लाइन्स अच्छे से हो इस पर ध्यान देने कहा। डीसी ने कहा कि RRDA और नगर निगम को इन भवनों की कैटेगरी तय करें। ताकि, शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के अनुसार फायर सेफ्टी के इंतजाम को ठीक किया जा सके। डीसी ने यह भी कहा कि एक माइक्रो प्लान बनाया जाए और नक्शा के अनुसार अगर फायर सेफ्टी नहीं किया गया है तो बिल्डरों पर क्रिमिनल केस चलाएं।