द फॉलोअप डेस्कः
पारस HEC हॉस्पिटल, के मिनिमली इनवेसिव सर्जरी विभाग, झारखंड में पहली बार 3D विजन कैमरा के माध्यम लेप्रोस्कोपिक सर्जरी किया गया। यह सर्जरी 64 वर्षीय महेश झा और 35 वर्षीया कविता शहदेव की हुई है। देश के गिने चुने शहरों में इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। रांची झारखंड के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। 3D विजन के माध्यम से एडवांस्ड लेप्रोस्कोपिक सर्जरी डॉ मेजर रमेश दास और उनकी टीम के देख रेख में किया गया।
बताया गया कि बीते सप्ताह हर्निया से कविता सहदेव के पेट में असहनीय दर्द हो रहा था। जिसके बाद उन्होंने पारस HEC हॉस्पिटल के सर्जरी विभाग में परामर्श लिया। जिसमें डॉ मेजर रमेश दास और डॉ ओम प्रकाश बीमारी की गंभीरता और मरीज की पीड़ा को देखते हुए। 3D विज़न लेप्रोस्कोपिक के बारे में मरीज को बताया। सारी पदति को समझने के बाद मरीज के परिजन ऑपरेशन करने के लिए तैयार हुए। दोनों मरीज अब पूरी तरह से स्वास्थ हैं और ठीक महसूस कर रहे हैं। दोनों अपने दिनचर्या में लौट रहे हैं। उन्होंने कहा है कि पारस के डॉक्टर्स से सलाह और हॉस्पिटल की जो सुविधाएं मिली उससे वे काफी संतुस्ट हैं।
समय, पैसा, ब्लड तीनों बचता है
डायरेक्टर, ऍम आई एस एवं जनरल सर्जन डॉ मेजर रमेश दास ने बताया की 3D विज़न सर्जरी में नार्मल 2D - आधे से भी कम समय लगता हैं। बेहोशी में इस्तेमाल होने वाली दवाइयां भी कम लगता हैं जिसके वजह से पेशेंट जल्दी होश में आता है। जिससे रिकवरी तुरंत हो पाती हैं और उनको ऑपरेशन के दूसरे दिन ही डिस्चार्ज कर दिया जाता है। जिससे उनका समय भी बचता है, पैसा भी। 3D विज़न की से कितनी भी गहराई चीरा लगा कर ऑपरेशन किया जा सकता है और पेट के अन्दर आसानी से टाका लगाया जाता है। मेडिकल के क्षेत्र में इसे "Intra corporeal suturing" कहते हैं। इसमें खून की धमनियां बहुत साफ दिखाई पड़ते हैं जिसकी वजह से सर्जरी हो पाती है। सामान्य लाप्रोस्कोपक सर्जरी से इसमें ब्लड की भी बर्बादी नाम मात्र की होती हैं।
इससे बहुत आसान होती है सर्जरी करने में
मेडिकल डायरेक्टर एंड वाइस चेयरमैन, नूरो साइंसेज- डॉ संजय कुमार ने कहा की पारस HEC हॉस्पिटल क्षेत्र में अब बहुचर्चित नाम हैं। जो की अपनी सुविधाओं और मेडिकल क्षेत्र में आने वाले हर टेक्नोलॉजी लाने की कोशिश कर रहा हैं। आये दिन हम इस टेक्नोलॉजी (सुविधाओं) को पारस रांची में शामिल कर रहे हैं। एडवांस लेप्रोस्पोइक सर्जरी भी मेडिकल के क्षेत्र में एक क्रांति है। सामान्य लेप्रोस्कोपी से 2 विज़न में दिखता है, लेकिन विज़न सिस्टम से 3 आयाम (3 Dimension) में सारे अंग दिखते हैं, जिससे कि सर्जन का आत्मविश्वास सर्जरी की सुरक्षा भी बढ़ जाती है। हमें खुशी हैं की पारस HEC हॉस्पिटल, रांची में पहली बार इस पद्धति से ऑपरेशन हुआ। इसमें ज्यादा दक्षता, पूर्णता और काफी कम समय में ऑपरेशन कर मरीज को घर भेज दिया जाता हैं।
हर दिन हो रही सुधार
वहीं फैसिलिटी डायरेक्टर डॉ नितेश कुमार ने कहा पारस हेल्थकेयर डिलीवरी सिस्टम के क्लिनिकल प्रोग्राम रहते हैं। पारस डॉक्टरों और हॉस्पिटल के सहायक कर्मचारियों की अपनी सर्वश्रेष्ठ टीम के साथ बेहतर परिणाम लाना चाहता है और अब तक की मेडिकल क्षेत्र में प्रदान की जा रही सुविधओं और गुणवक्ता में निरंतर सुधार करता जा रहा है।