द फॉलोअप डेस्क
पलामू में नक्सल प्रभावित इलाके में अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई करने गयी वन विभाग की टीम पर माइनिंग माफियाओं और ग्रामीणों ने हमला कर दिया। इस हमले में वन विभाग के 5 कर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनका इलाज मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में चल रहा है।
यह घटना छतरपुर थाना क्षेत्र के बसडीहा गांव में शनिवार देर रात हुई। वन विभाग की टीम जब अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई करने पहुंची तो माफियाओं और स्थानीय लोगों ने उन्हें बंधक बना लिया। यह इलाका नक्सल प्रभावित और दुर्गम माना जाता है। बंधक बनाए जाने के बाद वनकर्मियों के साथ मारपीट की गयी, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों में वनपाल सरसीज उरांव, वनरक्षी आशुतोष कुमार, लक्ष्मीकांत पांडेय, पंकज कुमार और वनपाल राकेश रोशन शामिल हैं।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और वन कर्मियों को छुड़ाया। हालांकि वन विभाग की टीम ने कार्रवाई के दौरान पुलिस को अपने साथ नहीं लिया था। जिस इलाके में टीम को बंधक बनाया गया था, वहां पहुंचने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। घटना के बाद पुलिस और प्रशासन हरकत में आ गया। छतरपुर एसजीएम और एसडीपीओ मौके पर पहुंचे और घायलों को अस्पताल भिजवाया। पुलिस ने इलाके में छापेमारी अभियान तेज कर दिया है।
छतरपुर एसडीपीओ अवध कुमार यादव ने बताया कि इलाके में अवैध खनन को लेकर पहले भी घटनाएं हो चुकी हैं। करीब एक महीने पहले प्रशिक्षु आईएफएस अधिकारी की गाड़ी भी इसी इलाके में रोकी गयी थी। वहीं पलामू एसपी रीष्मा रमेशन ने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। वन विभाग ने कार्रवाई के दौरान पुलिस को जानकारी नहीं दी थी। हमला करने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।