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तस्करी : कोडरमा रेलवे स्टेशन से चार नाबालिग को किया गया रेस्क्यू, काम का झांसा देकर तस्कर ले जा रहे थे दिल्ली

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कोडरमाः
झारखंड में आए दिन मानव तस्करी की खबरें सामने आती रहती हैं। सैकड़ों मामलों में ऐसा होता है कि तस्कर पुलिस की नजर से बचकर बच्चों को बड़े शहरों में बेचने मे कामयाब हो जाते हैं। लेकिन कभी-कभी समय रहते प्रशासन को इसकी जानकारी हो जाती है जिससे नाबालिगों की जिंदगी तबाह होने से बच जाती है। फिलहाल मामला कोडरमा स्टेशन का है। जहां बाल तस्करी के लिए दिल्ली ले जाए जा रहे 4 नाबालिगों को कोडरमा स्टेशन पर रेस्क्यू कर लिया गया है। इस मामले में एक दलाल को गिरफ्तार किया गया है। चारों किशोर और दलाल गिरिडीह जिले के लोकाई नयनपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले बताए जा रहे हैं। बच्चों को दिल्ली के होटलों में काम दिलाने के लिए ले जाया जा रहा था। 


13 साल है बच्चों की उम्र 
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन को मिली सूचना के आधार पर RPF के सहयोग से स्टेशन से इन सभी नाबालिग को बरामद कर लिया गया। बच्चों से कहा गया था कि उन्हें हर माह 9000 रुपये दिये जाएंगे। बच्चों की उम्र महज 13 से 14 साल है। हाल में बनाए गए इनके आधार कार्ड में बच्चों की उम्र बढ़ाकर 18 वर्ष दिखाई गई है। RPF ने रेस्क्यू किए गए बच्चों को अपने पास सुरक्षित रखा है। इनके संरक्षण के लिए चाइल्डलाइन को सूचना दी गई है। किसी को शक न हो और दलाल पकड़े ना जाएं, इस कारण शुक्रवार की सुबह झारखंड संपर्क क्रांति एक्सप्रेस इन्हें दिल्ली ले जाने की तैयारी थी। 


दलाल का नाम तक नहीं पता था बच्चों को 

RPF प्रभारी जवाहरलाल ने बताया कि सभी किशारों को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया जाएगा। उसके लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि सत्यार्थी फाउंडेशन के सदस्यों की सूचना पर उनके सहयोग से सबको समय रहते रेस्क्यू किया गया है नहीं तो इनका भविष्य अंधकारमय हो जाता। सत्यार्थी फाउंडेशन के वरिष्ठ निदेशक गोविंद खनाल ने बताया कि जिन किशोरों को दलाल लेकर जा रहा था उन्हें दलाल का नाम तक पता नहीं था। ऐसे में दिल्ली जाने के बाद इनका भविष्य क्या होता, यह किसी को नहीं पता।