द फॉलोअप डेस्कः
झारखंड में समय से पूर्व विधानसभा चुनाव का विरोध शुरू हो गया है। कांग्रेस इसके विरोध में उतर गया है। झारखंड कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने फॉलोअप से बातचीत के दौरान कहा है कि चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर काम करना बंद करे। आखिर चुनाव आयोग को किस बात की हड़बड़ी है। क्यों झारखंड में समय से पहले चुनाव कराने की इतनी जल्दी है। जबकि सरकार अपना दिन गिन गिन कर किसी भी योजना को लागू करती है।
तय समय पर ही होना चाहिए चुनाव
गुलाम अहमद मीर ने यह भी कहा कि हमारी सरकार बनते ही कोरोना काल आ गया था। बीच में ईडी की कार्रवाई ने भी हमारी कार्यकाल को प्रभावित किया। ऐसे में हमारी सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। तय समय से पहले चुनाव नहीं होना चाहिए। झारखंड में विधानसभा चुनाव का समय नवंबर-दिसंबर है और यह चुनाव तय समय से होना चाहिए। उधर झामुमो भी तय समय से पहले चुनाव की बात का विरोध कर रहा है। पार्टी के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने इसका विरोध जताया है और कहा है कि सरकार के अंदर अस्थिरता और अधिकारियों में भ्रम फैलाने का कुचक्र रचा जा रहा है।
मानसून सत्र से पहले चुन लिया जाएगा विधायक दल का नेता
इधर कांग्रेस झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र से पहले कांग्रेस विधायक दल नेता का चुनाव कर लेगी। बताते चले कि पूर्व मंत्री आलमगीर आलम पार्टी विधायक दल नेता थे। लेकिन उनकी गिरफ़्तारी के बाद से यह पद ख़ाली चल रहा है। विधानसभा सत्र की शुरुआत पर विधायक दल के नेता की ज़रूरत पड़ती है। सूत्रों के मुताबिक इसको लेकर चर्चा पूरी कर ली गई है। जैसे ही केंद्रीय नेतृत्व का निर्देश मिलेगा, वैसे ही विधायक दल नेता तय कर लिया जाएगा। फिलहाल विधायक दल के उपनेता प्रदीप यादव है।