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झारखंड : आजाद भारत के पहले डैम तिलैया पर राजगीर की तर्ज पर बनेगा ग्लास टावर

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डेस्क:
झारखंड(Jharkhand) वासियों के लिए खुश खबरी हैं। सरकार यहां के तिलैया बांध(Tilaya dam) पर बिहार(Bihar) के राजगीर(Rajgir) में बने ग्लास ब्रिज(Glass bridge) की तर्ज़ पर ग्लास टावर बनाने(Glass tower)  की तैयारी में जुटी  है। ऊंचे-ऊंचे पहाड़,नोका विहार, विदेशी पक्षी, प्रकृति सौंदर्य के बाद अब झारखंड में बिहार के राजगीर में बने ग्लास ब्रिज के तर्ज पर ग्लास टावर बनने की राह आसान हो गयी है। प्रकृति की गोद में बसे कोडरमा जिले के तिलैया डैम पर यह ग्लास टावर बनाया जायेगा। तिलैया डैम भारत का पहला बांध  है,इससे स्वतंत्रा प्राप्ति के बाद बनाया गया गया है। डैम का उद्घाटन 21 फरवरी 1953 में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के द्वारा किया गया था। इस बांध की लम्बाई 1200 फीट तथा ऊंचाई 99 फीट और प्रसार 36 वर्ग किलोमीटर में है। आज यह तिलैया डैम झारखंड के एक प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट के रूप में जाना जाता है। यहां देश के अलग-अलग हिस्सों से रोज हज़ारो सैलानी घूमने आते हैं।

पूरे झारखंड को मिलेगी एक नई सौगात 
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रयास से लगातार इस क्षेत्र को विकास और पर्यटन के हिसाब से विकसित करने की कोशिश की जा रही है।कोडरमा के उपायुक्त आदित्य रंजन ने बताया कि बिहार के राजगीर में बने ग्लास ब्रिज के तर्ज पर अब झारखंड के कोडरमा स्थित तिलैया डैम में भी ग्लास टावर बनाने की तैयारी है। कोडरमा उपायुक्त ने तिलैया डैम इलाके का दौरा कर कहा कि जल्द ही यह ग्लास टावर बनकर तैयार होगा। कोडरमा के लोगों को ही नहीं बल्कि पूरे झारखंड के लोगों को एक नई सौगात मिलेगी। जिससे जिले में पर्यटन क्षेत्र में बढ़ावा के साथ-साथ रोजगार में भी इजाफा होने की उम्मीद है।

एक वर्ष से निरंतर जारी है पर्यटन विकास कार्य  
जिले के उपायुक्त ने कहा कि कोडरमा की तकदीर और तस्वीर दोनों जल्द बदलने वाली है। कोडरमा जिले में लगतार पिछले एक वर्ष से पर्यटन के क्षेत्र में निरंतर कार्य किया जा रहा है।  सरकार और पर्यटन विभाग के सचिव भी पिछले दिनों यहां आकर निरीक्षण कर चुके हैं। जिसमें तिलैया डैम के सौंदर्यीकरण को लेकर बैठक भी की गई थी। यह जल्द ही मूर्त रूप में सबके सामने होगा।