logo

Budget Session 2022 : सुदेश के सवाल पर सरकार का जवाब, झारखंड आंदोलनकारियों को नहीं मिलेगा स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा

alam2.jpg

रांचीः

किसी राज्य के लिए आंदोलन करनेवाले को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा नहीं मिलता।स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा सिर्फ आजादी की लड़ाई लड़नेवाले को प्राप्त है। इसलिए झारखंड आंदोलनकारियों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा नहीं दिया जा सकता। यह बात संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने आजसू विधायक सुदेश महतो के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में कहा।  मंत्री ने कहा कि आंदोलनकारियों को मानदेय दिया जा रहा है। पूर्व की सरकार में जो मानदेय था उसमें वर्तमान सरकार ने वृद्धि की है।विधायक सुदेश महतो ने सरकार से झारखंड आंदोलनकारियों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा देने की मांग की थी। उन्होनें कहा कि आज सरकार में झारखंड आंदोलन का नेतृत्व करनेवाले दल हैं।इसके बाद भी माटी की लड़ाई लड़नेवाले को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा नहीं मिल रहा है।

आंदोलनकारी चिन्हितिकरण आयोग को वित्तीय अधिकार नहीं

सुदेश महतो ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों को चिनिहित करने के लिए आयोग का गठन तो कर लिया गया है लेकिन आयोग को वित्तीय अधिकार नहीं दिया गया है। आयोग के पास 60 हजार आवेदन लंबित हैं लेकिन मात्र 5 हजार को चिन्हित किया गया है। झामुमो विधायक स्टीफन मरांडी ने भी आंदोलनकारी को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा देने की मांग की। कहा कि आयोग का कार्यकाल एक वर्ष का है जो समाप्त होनेवाला है। अभी जो व्यवस्था आयोग का है उसमें काम नहीं हो रहा है। कोई वित्तीय अधिकार नहीं है। आयोग को स्थायी बनाया जाय और वित्तीय अधिकार मिले।

 

बंगाल और उड़ीसा के आंदोलनकारी को भी सुविधा मिले

विधायक मथुरा महतो ने कहा कि आंदोलन वृहत झारखंड के लिए हुए था जिसमें बंगाल और उड़ीसा के लोग भी शामिल हुए थे। बंगाल और उड़ीसा में भी आंदोलनकारी जेल गए थे। उन्हें भी सुविधा मिले।साथ ही वैसे आंदोलनकारी जो जेल नहीं गए उन्हें भी सुविधा मिलनी चाहिए।विधायक दीपक बिरुआ ने कहा कि आयोग को मरियल बना दिया गया है। झारखंड सरकार को छत्तीसगढ़ से सीखना चाहिए।उनके परिजन को नौकरी रोजगार की भी व्यवस्था होनी चाहिए।