रांचीः
झारखंड में बिजली कटौती की समस्या से पूरे राज्य में हाहाकार मचा हुआ है। हर दिन घंटो घंटो बिजली काटी जा रही है। बिजली संकट के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के कार्यों की समीक्षा की। बिजली जनरेटिंग कंपनियों का बकाया भुगतान को लेकर झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड को राज्य सरकार अपनी गारंटी पर पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन से 750 करोड़ रुपए उपलब्ध कराएगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जेबीवीएनएल को ऋण जल्द उपलब्ध कराया जाए। ताकि बिजली जनरेटिंग कंपनियों का बकाया भुगतान किया जा सके। बैठक में मुख्यमंत्री ने बिजली कटौती को हर हाल में रोकने का निर्देश दिया।
बिजली बिल समय पर वसूली करें
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कहा कि पिछले कुछ हफ्तों से बिजली कटने की शिकायतें मिल रही है। जेबीवीएनएल राज्य में ऊर्जा क्षेत्र की एक महत्वपूर्ण इकाई है। इसके जरिए ही पूरे राज्य में बिजली सप्लाई की जाती है। जेबीवीएनएल उपभोक्ताओं को सुचारू बिजली उपलब्ध कराने निर्मित बेहतर कार्य योजना बनाकर व्यवस्था दुरुस्त करें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा है कि बिजली बिल वसूली में समय पर की जाए। बिजली बिल कलेक्शन के लिए आधुनिक उपकरणों का उपयोग किया जाए। साथ ही बिजली वितरण निगम लिमिटेड बिजली वसूली नगर विकास विभाग में कार्यरत एजेंसी द्वारा नगर विकास विभाग के हाउस टैक्स कलेक्शन प्रणाली के आधार पर करेगी। जेबीवीएनएल बिजली बिल वसूली करने के लिए विकास विभाग के मॉडल एवं शर्तों के आधार पर कार्य सुनिश्चित करेगी ताकि ऊर्जा राजस्व में कोई नुकसान राज्य सरकार को ना हो।
आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल करें
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बिजली बिल वसूली के लिए हाईटेंशन उपभोक्ता के मीटर में कम्युनिकेशन इक्विपमेंट लगाकर बिजली उपभोक्ताओं से शत-प्रतिशत बिजली बिल वसूली निश्चित करें। मुख्यमंत्री ने सभी टेलीकॉम टावर पर बिजली बिल का समय पर प्रक्रिया पूरी कर वसूली करने के लिए भी निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने जेबीवीएनएल को राज्य सरकार द्वारा वार्षिक योजना मद में 200 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए जाने पर अपनी सहमति दी। एचडीपी मद से मिलने वाली 200 राशि का बचत राशि का खर्च जेबीवीएनएल द्वारा राज्य में ट्रांसफार्मर, पोल, तार जैसी व्यवस्थाओं को सुरक्षित करने के लिए किया जाएगा। झारखंड मंत्रालय में हुई इस बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार, वित्त विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, झारखंड ऊर्जा संचरण निगम के प्रबंध निदेशक केके वर्मा सहित अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे।