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Ranchi : राज्यपाल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट में भाषा विवाद और मॉब लिंचिंग का किया जिक्र

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रांची: 

राज्यपाल रमेश बैस ने केंद्रीय गृह मंत्रालय का झारखंड के मौजूदा हालात की रिपोर्ट भेजी है। मिली जानकारी के मुताबिक राज्यपाल रमेश बैस ने अपनी रिपोर्ट में प्रदेश में चल रहे भाषा विवाद, मॉब लिंचिंग और नक्सली घटना का जिक्र किया है। राज्यपाल ने रिपोर्ट में जिक्र किया है कि इन सभी मसलों से राज्य की विधि-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका है। इसे लेकर सतर्क रहना होगा। 

रिपोर्ट में किन मुद्दों को किया गया शामिल
गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यपाल से हाल के दिनों में झारखंड में विभिन्न मुद्दों पर उठे विवाद और हंगामा के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। कहा जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जिन मुद्दों पर रिपोर्ट मांगी थी उनमें भाषा विवाद मुख्य रूप से शामिल था। इसमें विरोध आंदोलन, मानव श्रृंखला का निर्माण, पूर्व सांसद के वाहन पर हमला, सीपीआई (माओवादी) जोनल कमांडर के आत्मसमर्पण, प्रशांत बोस और उनकी पत्नी शीला मरांडी की 12 नवंबर 2021 को गिरफ्तारी के बाद हिंसा और वारदात को लेकर रिपोर्ट मांगी गई थी। 

झारखंड में नक्सलवाद का भी किया जिक्र
इसके अलावा पुलिस-एसएफएस पेट्रोलिंग पार्टी से हथियार लूटने की घटना, संजय प्रधान और झरियो देवी मॉब लिंचिंग कांड, पूर्व विधायक गुरुचरण नायक पर जानलेवा हमला तथा उनके अंगरक्षकों का हथियार लूटकर हत्या की घटना, प्रेम सिंह सुरीन हत्याकांड और बैरम लुगुन की हत्या का मामला शामिल है। राज्यपाल रमेश बैस ने इन सभी मुद्दों पर केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी है। 

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने क्या रिपोर्ट मांगी थी
गौरतलब है कि मंत्रालय ने राज्यपाल रमेश बैस से झारखंड के विभिन्न संगठनों द्वारा पेसा कानून लागू करने की मांग तथा अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायत चुनाव का विरोध, नियोजन नीति तथा 1932 के कटऑफ वर्ष के आधार पर स्थानीय नीति पर चल रहे जिक्र को लेकर भी विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। 

डायन प्रथा का भी रिपोर्ट में किया गया जिक्र
मिली जानकारी के मुताबिक राज्यपाल रमेश बैस ने गृहमंत्री को भेजे रिपोर्ट में प्रदेश में डायन प्रथा इसे लेकर हुए अपराधों का जिक्र किया है। राज्यपाल ने राज्य में लचर स्वास्थ्य व्यवस्था, शिक्षा तथा अंधविश्वास को डायन प्रथा की मुख्य वजह बताई है। राज्यपाल ने ये भी बताया है कि डायन प्रथा जैसे अंधविश्वास को रोकने के लिए अप्रैल 2020 में प्रोजेक्ट गरिमा शुरू की गई थी।