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पलामू : झारखंड में विकास की असीम संभावना, योजनाबद्ध तरीके से काम करना होगा: राज्यपाल

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पलामू: 

रामचंद्र चंद्रवंशी यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शिरकत करने के बाद राज्यपाल रमेश बैस ने अतिथि भवन में अदिकारियों के साथ वार्ता की। राज्यपाल ने यहां अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि किसी प्रदेश की विधि व्यवस्था, वहां की रीढ़ होती है। किसी भी समस्या को लेकर आमजन थानों में जाते हैं, तो पुलिसकर्मी उन्हें रिस्पांस दें। उनकी बातें सुने और प्राथमिकी दर्ज करते हुए आरोपित के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करना सुनिश्चित करें, तो इससे पुलिस की बेहतर छवि बनती है।

विकास के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम हो! 
राज्यपाल ने कहा कि राज्य में विकास की अपार संभावनाएं हैं, आवश्यकता है योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने की। उन्होंने शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य एवं सिंचाई जैसी बुनियादी सुविधाएं दुरुस्त करने पर बल दिया। उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा एवं अन्य क्षेत्रों में बेहतर कार्य करने वालों को सम्मानित किया जाने की भी बात कही ताकि इस दिशा में बेहतर परिणाम आ सके। इससे उनमें अच्छे कार्य करने की और जिज्ञासा बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए वे पूर्णतः प्रयासरत हैं। 


राज्य में स्थित विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ समीक्षा बेठक कर विभिन्न समस्याओं के निदान हेतु पहल करते हैं। उन्होंने निर्मित शैक्षणिक भवनों को उपयोग में लाये जाने पर बल दिया, ताकि शैक्षणिक गतिविधियों को और बढ़ावा मिल सके। 

अधिकारियों ने राज्यपाल को दी अहम जानकारी
राज्यपाल रमेश बैस ने अधिकारियों शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सिंचाई व्यवस्था आदि विभिन्न क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने पलामू प्रमंडल क्षेत्र में किसानों द्वारा कम बारिश के बावजूद कृषि क्षेत्र में नवाचारी प्रयोगों की सराहना की और नगदी उपजों के मूल्य संवर्धन पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ऑर्गेनिक उपजों के स्थानीय तौर पर सर्टिफिकेशन की व्यवस्था होने से किसान और अच्छा कर पाएंगे।

पलामू प्रमंडल में कृषि एवं बागवानी की संभावनायें
आयुक्त जटा शंकर चौधरी ने राज्यपाल को अवगत कराया कि पलामू प्रमंडल क्षेत्र में कृषि एवं बागवानी में आपार संभावनाएं हैं। हालांकि यहां सिंचाई की समस्या है लेकि यहां के किसान इनोवेटिव हैं। इसका परिणाम है कि यहां के किसानों द्वारा पिपरमेंट, तुलसी, पामरोजा जैसे औषधीय पौधों की खेती की जा रही है। वहीं फलदार पौधों में थाई वेरायटी की अमरूद, स्ट्रॉबेरी की खेती हो रही है। इसके अलावा नेतरहाट में नाशपती की खेती बहुत पूर्व से ही किया जा रहा है।

राज्यपाल को उन्होंने बताया कि यहां रसदार फलों की खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। वर्तमान समय में क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, चियांकी में संतरा, नींबू एवं कीनो की खेती हो रही है। इसके लिए यहां की मिट्टी और जलवायु भी उपयुक्त मानी जाती है। 


मनरेगा के तहत रसदार फलों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके अलावा काला धान, काला गेहूं, चिप्स बनाने वाली आलू की भी खेती की जा रही है। इन सब खेती को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य हो रहा है। पिपरमेंट, तुलसी आदि औषधीय पौधों से तेल निकालने को लेकर वॉयल एक्सटेंशन प्लांट भी लगाया गया है। 

मंडल सिंचाई परियोजना को मूर्त रूप देने की तैयारी
आयुक्त जटा शंकर चौधरी उपायुक्त शशि रंजन ने कहा कि मंडल सिंचाई परियोजना को मूर्त रूप देने को लेकर प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने पलामू में हो रहे अरहर की खेती के संबंध में भी बताया। कहा कि यहां के अरहर दाल की गुणवत्ता अन्य जगहों की अपेक्षा बेहतर है। राज्यपाल ने किसानों को अरहर की खेती की अच्छी मुनाफा मिले, इसके लिए फॉर्मर प्रोड्यूसर ग्रुप बनाने की दिशा में कार्य करने की बातें कही।

पलामू जिला में है एशिया का प्रसिद्ध कुंदरी लाह बागान
पदाधिकारियों ने बताया कि पलामू में पलाश के पौधे बहुतायत मात्रा में पाए जाते हैं। पलामू जिले के एशिया प्रसिद्ध कुंदरी लाह बगान हैं, जिसपर जेएसएलपीएस एवं वन विभाग के सहयोग से लाह का उत्पादन प्रारंभ किया गया है। भविष्य में पलाश के फूलों से गुलाल बनाने की दिशा में कार्य किए जाने हैं। उपायुक्त, पलामू शशि रंजन ने जिले  के विभिन्न ग्रामों के पेयजल में फ्लोराइड होने की जानकारी दी और बताया कि इससे निदान के लिए  फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट का अधिष्ठापन किया गया है। इससे लाभ मिल रहा है।


उप विकास आयुक्त मेघा भारद्वाज ने जेएसएलपीएस के माध्यम से महिलाओं की व्यवसायिक गतिविधियों की जानकारी दी।