द फॉलोअप डेक्स, रांची
HEC (Heavy Engineering Corporation) के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। दरअसल, भारी उद्योग मंत्रालय ने HEC के भविष्य को लेकर गंभीरता से कदम उठाए हैं। मंत्रालय के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि कंपनी के मर्जर और अधिग्रहण को लेकर अहम वार्ताएं शुरू हो चुकी हैं। पिछले एक महीने में देश की दो बड़ी कंपनियां, 'BHEL' और 'L&T', एचइसी के साथ मर्जर और अधिग्रहण के संभावित विकल्पों पर गहन चर्चा कर रही हैं। इस दौरान कंपनी के संसाधन, कार्यक्षेत्र, उपयोगिता और वित्तीय देनदारी पर विस्तार से विचार किया गया।
HEC के सीएमडी केएस मूर्ति ने हाल ही में दिल्ली में हटिया प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन के महामंत्री लीलाधर सिंह से मुलाकात की और कर्मचारियों से शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर अगले तीन माह तक शांतिपूर्ण माहौल बना रहता है तो एचइसी के उत्पादन में वृद्धि हो सकती है और कंपनी फिर से विकास की दिशा में आगे बढ़ सकती है। एचइसी के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण है, लेकिन मंत्रालय और कंपनी की ओर से उठाए गए कदमों से कर्मचारियों को उम्मीद की किरण नजर आ रही है।
2 साल 4 महीने से नहीं हुआ वेतन का भुगतान
बता दें कि HEC के कर्मचारियों का 29 माह का वेतन बकाया होने के कारण उनकी स्थिति दैनिये हो गई है। इसके साथ ही कंपनी पर 3 हजार करोड़ रुपए की देनदारी का बोझ है। जिससे कंपनी का उत्पादन घटकर 100 करोड़ रुपए से भी कम होने की संभावना जताई जा रही है। कार्यशील पूंजी की भारी कमी के कारण कंपनी के उत्पादन में गिरावट आई है।