द फॉलोअप डेस्क
CBI ने एक बड़े क्रिप्टो करेंसी घोटाले का पर्दाफाश किया है। CBI ने 350 करोड़ रुपये से अधिक के लेन-देन से जुड़े मामले में 7 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। ये आरोपी 'पोंजी' योजनाओं के तहत निवेशकों से बड़ा मुनाफा देने का झूठा वादा कर रहे थे। इस मामले की जांच के दौरान CBI ने झारखंड के हजारीबाग, दिल्ली, बठिंडा, रतलाम, वलसाड, पुडुकोटाई और चित्तौड़गढ़ सहित कुल 10 स्थानों पर छापेमारी की।
इस दौरान 34 लाख रुपये नकद और क्रिप्टो करेंसी वॉलेट में 38,414 अमेरिकी डॉलर की डिजिटल संपत्ति समेत कई आपत्तिजनक डिजिटल साक्ष्य और उपकरण बरामद किए गए हैं। इस मामले में आरोप लगाया है कि आरोपियों ने भारतीय रिजर्व बैंक जैसे नियामक प्राधिकरण की अनुमति के बिना पोंजी योजना चला रहे थे। इसमें निवेशकों को आकर्षित करने के लिए आरोपियों द्वारा भ्रामक जानकारी और झूठे मुनाफे के वादे किए जा रहे थे। आरोपियों के पास से जब्त की गई चीजें
जानकारी हो कि CBI ने आरोपियों के पास से 7 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, एक टैबलेट, 3 हार्ड डिस्क, 10 पेन ड्राइव, मेमोरी कार्ड, सिम कार्ड, एटीएम कार्ड और अन्य डिजिटल दस्तावेज भी जब्त किए हैं। इन सभी की जांच की जा रही है।
2 सालों में 350 करोड़ से अधिक का घोटाला
इस जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि इन आरोपी समूहों ने सोशल मीडिया के माध्यम से पोंजी योजनाओं का प्रचार किया। फिर बैंक खातों और क्रिप्टो करेंसी वॉलेट्स के जरिए अवैध धन को क्रिप्टो करेंसी में बदल दिया। इन खातों में पिछले 2 सालों में 350 करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन हुआ है। सभी आरोपियों ने ऑनलाइन ऋण, लकी ऑर्डर, यूपीआई धोखाधड़ी और इंटरनेट बैंकिंग घोटालों जैसे तरीकों से पीड़ितों को धोखा दिया है। फिलहाल, इस मामले की जांच चल रही है।