द फॉलोअप डेस्क
संविदा कर्मियों की सेवा विस्तार किए जाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका ओर सुनवाई करते हुए झारखंड हाई कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि किसी भी व्यक्ति को कम वेतन पर लंबे समय तक नहीं रखा जा सकता है। सरकार संविदा कर्मियों का शोषण नहीं कर सकती है। अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि राज्य में पंचायत स्तर पर विभिन्न संविदा कर्मियों से काम ले रही है। यदि सरकार लोगों से ऐसे काम ले रही है और भविष्य में भी भी ऐसे पद बने रहेंगे तो इस पदों पर नियमित नियुक्ति की जानी चाहिए। अदालत ने इस मामले में सरकार को नोटिस जारी कर जवाब भी दाखिल करने का निर्देश दिया है। दरअसल आईता उरांव और अन्य 158 द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की एकल पीठ ने यह आदेश दिया था कि संविदा कर्मियों को सेवा विस्तार का लाभ नहीं मिल सकता है। एकल पीठ के इस आदेश के खिलाफ अपील दाखिल की गई थी। जिसपर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और जस्टिस दीपक रौशन की खंडपीठ सुनवाई कर रही है। प्रार्थियों की और से वरीय अधिवक्ता अजित कुमार और अपराजिता भारद्वाज ने बहस की।